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Search Result : "नॉन नेट फेलोशिप"

सीएम फेलोशिप योजना के तहत नेट पास छात्रों को मिलेगा मासिक 25 हजार, एक हजार छात्र होंगे लाभान्वित

सीएम फेलोशिप योजना के तहत नेट पास छात्रों को मिलेगा मासिक 25 हजार, एक हजार छात्र होंगे लाभान्वित

रांची। राज्य सरकार झारखंड के छात्रों की शैक्षणिक उत्कृष्टता हेतु सीएम फेलोशिप योजना लेकर आयी है।...
आईआईटी से पीएचडी करने वाले छात्रों को मिलेगी 70 हजार रुपये की मासिक फेलोशिप

आईआईटी से पीएचडी करने वाले छात्रों को मिलेगी 70 हजार रुपये की मासिक फेलोशिप

केवल कुमार शर्मा ने आईआईटी खड़गपुर के एक कार्यक्रम में कहा कि जिन छात्रों को वित्तीय कारणों से देश छोड़ना पड़ रहा था, हमें उम्मीद है कि अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अनुसंधान फेलोशिप के तहत मेधावी छात्र देश में ही रहकर अध्ययन कर पायेंगे।
यूजीसी पर कब्जा आंदोलनः छात्रों ने घेरा, डाला डेरा

यूजीसी पर कब्जा आंदोलनः छात्रों ने घेरा, डाला डेरा

यूजीसी पर कब्जा आंदोलन देश भर में फैल रहा है। छात्रों के बीच आक्रोश उफान पर है। सरकार की छात्र विरोधी नीतियों के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन एक तरह से बड़े राजनीतिक सवालों को भी उठा रहा है।
स्‍मृति ईरानी से वार्ता बेनतीजा, #OccupyUGC मुहिम जारी

स्‍मृति ईरानी से वार्ता बेनतीजा, #OccupyUGC मुहिम जारी

नॉन-नेट फेलोशिप बंद करने के प्रस्ताव के खिलाफ पिछले 17 दिनों से दिन-रात डटे छात्रों की मुहिम आखिरकार रंग लाई। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्‍मृति ईरानी को छात्रों से बात करने के लिए खुद मंत्रालय से बाहर आना पड़ा। हालांकि, छात्र प्रतिनिधियों के साथ ईरानी की वार्ता बेनतीजा रही लेकिन इससे #OccupyUGC मुहिम हौसला जरूर बढ़ा है।
जारी रहेगी नॉन-नेट फेलोशिप! लेकिन मिलेगी किसे?

जारी रहेगी नॉन-नेट फेलोशिप! लेकिन मिलेगी किसे?

छात्रों के विरोध के चलते केंद्र सरकार को यूजीसी की नॉन-नेट फेलोशिप जारी रखने का ऐलान करना पड़ा है। लेकिन असल सवाल है कि यह फेलोशिप मिलेगी किसे? केंद्र सरकार आर्थिक या मेरिट के आधार पर फेलोशिप देने की तैयारी कर रही है। असली विवाद इसी को लेकर है। यही वजह है कि आज भी सैकड़ों छात्र यूजीसी मुख्‍यालय पर विरोध-प्रदर्शन करने के लिए जुटे।
नेमाड़े फिर बरसे रश्दी और नायपॉल पर

नेमाड़े फिर बरसे रश्दी और नायपॉल पर

ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार भालचंद्र नेमाडे ने एक बार फिर कहा कि सलमान रश्दी और वीएस नायपॉल के लेखन में साहित्यिक मर्म एवं मूल्यों का अभाव है और उन्होंने पश्चिम को खुश करने के लिए ऐसी कृतियां रचीं।
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