एक गिरजाघर है जो मंदिर सा दिखता है... और मस्जिद सा भी। एक त्यौहार है जो मुगलों के दौर से चला आ रहा है... जी हां , महरौली का हर पत्थर कुछ बोलता है और हिंदुस्तान की नायाब गंगा-जमुनी तहजीब के तराने सुनाता है।
मेडोना का मानना है कि हम अभी भी ऐसे समाज में रह रहे हैं, जहां उम्र के आधार पर भेदभाव किया जाता है। हालांकि ऐसा सिर्फ महिलाओं के मामले में होता है, पुरूषों के मामले में नहीं।