भारतीय जनता पार्टी के नेता दयाशंकर सिंह ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती के बारे में जैसे ही अभद्र भाषा का प्रयोग किया वैसे ही लखनऊ समेत पूरे देश की दलित राजनीति में उबाल आ गया। देश भर में बहुजन समाजवादी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं का सड़कों पर हुजूम बताता है कि भाजपा दलित मुद्दे पर चारों ओर से घिर गई है। गुजरात में गाय वाले मसले पर पहले से ही दलित आंदोलन जारी था कि दयाशंकर की इस टिप्पणी ने जलती आग में घी डाल दिया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गुजरात के ऊना में पीड़ितों से मुलाकात की। हालांकि भाजपा ने दयाशंकर को सभी पदों से हटा दिया है और उसे छह वर्ष के लिए पार्टी से भी निष्कासित कर दिया है। देखा जाए तो दलितों की पिटाई का मामला हो या नेताओं द्वारा दलित महिलाओं को अपशब्द बोलने का, यह देश में कोई नई बात नहीं है।