बहरहाल, एबीवीपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि संगठन की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो से छेड़छाड़ की गई है।
दि कन्स्पिरसी शीर्षक से सोशल मीडिया पर डाले गए एक मिनट 32 सेकंड के इस वीडियो में कथित तौर पर एबीवीपी से जुड़े छात्र पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते दिख रहे हैं।
वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्रों का आरोप है कि एबीवीपी के सदस्यों ने देश विरोधी नारे लगाए थे जिससे भीड़, जिसमें विभिन्न संगठनों से जुड़े छात्र और बाहरी लोग शामिल थे, भी एेसा करने लगी। वामपंथी पार्टी भाकपा-माले की छात्र शाखा आइसा से जुड़े एक छात्र ने कहा, वे वह लोग जिन्होंने एेसे नारे लगाए और उस बैठक में बाधा उत्पन्न की जिसमें शांति से मुद्दे पर चर्चा हो रही थी। हम तो यह भी नहीं जानते कि किसने क्या कहा और उन्होंने बड़ी आसानी से हर छात्र को देशद्रोही के तौर पर प्रचारित कर दिया।
जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव सौरभ कुमार शर्मा, जो छात्रसंघ में एबीवीपी के एकमात्रा पदाधिकारी हैं, ने कहा, यह सब हमारी छवि धूमिल करने और हम पर हमला करने की चाल है, क्योंकि हमने देशद्रोही गतिविधियों पर आपत्ति की। हमें बदनाम कर गलत सूचना फैलाने के मकसद से वीडियो से छेड़छाड़ की गई है। जेएनयू के अधिकारियों ने इस बाबत कोई टिप्पणी नहीं की कि यूनिवर्सिटी की जांच समिति को उपलब्ध कराए गए इस वीडियो में दिखाई दे रहे सदस्य एबीवीपी के हैं या नहीं।