एक समोसे वाले का ठेला गड्डे में फंस गया है, उसे खुद भी इफ्तार करना है और ऐन वक्त पर यदि बिक्री न हो पाने की मायूसी उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही है। अमान नाम का छोटा बच्चा बस कुछ देर पहले ही सफेद झक्क कुरता पहन कर दोस्तों के बीच आया है। दोस्तों ने भी कुरते की तारीफ की है तभी उसे वह बूढ़ा दिखता है और वह अपने कुरते में समोसे भर कर दौड़ता हुआ भीड़ तक पहुंच जाता है। विज्ञापन के अंत में टैगलाइन है, मदद इबादत है। यही रमजान का वास्तविक संदेश भी है। इस विज्ञापन के लिए इस बार ‘क्लाइंट’ पाकिस्तान था। जबकि क्रिएटिव एजेंसी और प्रोडक्शन टीम भारतीय थी। सर्फ एक्सेल भारत के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी अपना उत्पाद बेचता है। पाकिस्तान की सर्फ एक्सेल टीम रमजान के मौके पर एक अच्छा विज्ञापन कैंपेन चाहती थी।
पाकिस्तान के लिए सर्फ एक्सेल का यह विज्ञापन अरुण अय्यर ने लोए लिंटास के तहत बनाया है और इसके निर्माता एब्सोल्यूट प्रोडक्शन है। इस विज्ञापन का निर्देशन वासन बाला ने किया है। वासन बाला वही हैं जिन्होंने द लंचबॉक्स, बॉम्बे वेल्वेट और पैडलर फिल्में लिखी हैं। इस फिल्म की शूटिंग पुरानी दिल्ली में की गई है। बच्चे अमान का रोल देव ने किया है, गरिमा मां और समोसे वाले बूढ़े बाबा का किरदार रॉबिन दास ने निभाया है।
एक हफ्ते से भी से भी कम समय में करोड़ों लोगों ने इसे यूट्यूब पर देखा है। भारत और पाकिस्तान दोनों के सोशल मीडिया में कमेंट की बाढ़ है। विज्ञापन के निर्देशक बाला ने एक वेबसाइट को कहा, दोनों देशों के बीच अतंर बहुत सूक्ष्म है। कैमरे की नजर भी उसमें कोई खास अंतर नहीं दिखा पाती।
इस विज्ञापन को बनाने से पहले बाला को भी अंदाजा नहीं था कि यह इतना बड़ा हिट होने जा रहा है। इस विज्ञापन को मिलने वाली प्रशंसा उन्हें भी हैरत में डाल रही है। बाला कहते हैं, इस फिल्म की शूटिंग के वक्त बस यह खयाल रखना था कि कैसे बच्चे खुश रहें। क्योंकि इस विज्ञापन फिल्म की आत्मा बच्चों की मासूमियत और ऊर्जा है।
क्रिएटिव एजेंसी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि इतना अच्छा रेस्पांस देखते हुए संभव है कि यह विज्ञापन भारत में सर्फ एक्सेल विज्ञापन प्रचार का हिस्सा बन जाए। खाड़ी देशों में भी कुछ जगहों पर इसकी संभावनाएं देखी जा रही हैं। क्योंकि इसमें किसी एक राष्ट्र की छवि नहीं है। यदि फिल्म के अंत में उर्दू को हटा दिया जाए तो कोई अंतर नहीं कर सकता है। क्योंकि कोई अंतर है ही नहीं। जैसा उत्सव यहां है वैसा ही वहां पर भी है। हमने पाकिस्तान से समानता दिखाने के लिए बहुत शोध किया था।