फेसबुक हो या ट्विटर आज आशुतोष त्रिपाठी की खींची तस्वीरों और उसके असर की खूब चर्चा हुई। यह उनके हौंसले और तस्वीरों का ही कमाल था कि एक बुजुर्ग टाइपिस्ट की रोजी-रोटी को लात मारने वाले दरोगा को इसकी सजा मिली और एक गरीब आदमी को उसका खोया सम्मान।
लखनऊ के जीपीओ के पास फुटपाथ पर टाइपिंग कर अपनी जीविका चलाने वाले एक बुजुर्ग के साथ पुलिस बर्बरता की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद खुद मुख्यमंत्री कार्यालय को मामले का संज्ञान लेना पड़ा था। आशुतोष त्रिपाठी की खींची इन तस्वीरों में प्रदीप कुमार नाम का एक पुलिस अफसर बुजुर्ग कृष्ण कुमार के टाइपराइटर को लात मारकर तोड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। घटना के समय आशुतोष मौके पर ही मौजूद थे। उन्होंने वक्त की नजाकत को भांपते हुए अपना कैमरा निकाला और पूरे घटनाक्रम को सिलसिलेवार ढंग से अपने कैमरे में कैद कर लिया। एक तस्वीर में पुलिसवाला फोटोग्राफर को धमकाता हुआ भी साफ दिखाई दे रहा है। लेकिन आशुतोष ने धमकियों की परवाह किए बगैर निडर होकर अपना काम पूरा किया। यह खबर सबसे पहले भास्कर.कॉम पर प्रकाशित हुई थी और जल्द ही सोशल मीडिया में आग की तरह फैल गई।
पुलिस बर्बरता का यह नमूना उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री अखिलोश यादव के कार्यालय को तुरंत हरकत में आना पड़ा और दोषी पुलिस अफसर को निलंबित कर दिया गया। इतना ही नहीं पीड़ित कृष्ण कुमार को आला अधिकारियों ने उनके घर पर जाकर बाइज्जत नया टाइपराइटर दिया और उनके साथ हुए दुर्व्यवहार के लिए माफी भी मांगी। पूरे साहस और संवेदनशीलता के साथ पत्रकारिता का बेहतरीन उदाहरण पेश करने वाले आशुतोष कई अखबारों में काम कर चुके हैं। इस खबर के वायरल होने के साथ ही सोशल मीडिया पर उन्हें भी खूब वाहवाही मिल रही है। उनका फेसबुक अकाउंट शाबाशी और बधाई संदेशों से भरा पड़ा है।