मंगलवार की रात बेंगलुरू में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हुईं। कई लोगों ने हत्या की जोर-शोर से निंदा की तो कई लोगों ने हत्या के बाद विचारधारा की रोटियां सेंकने के लिए इसका जश्न भी मनाना शुरू कर दिया।
लोगों ने जेएनयू छात्र नेता कन्हैया कुमार, उमर खालिद के साथ उनकी फोटो शेयर करते हुए कहा कि अब ये लोग अनाथ हो गए।
असल में गौरी लंकेश ने सोशल मीडिया पर दोनों को अपना 'बेटा' बताते हुए एक तस्वीर अपलोड की थी। यह 'बेटा' शब्द निश्चित ही सांकेतिक अर्थों में था। इसके अलावा वे गुजरात के नेता जिग्नेश मेवाणी को भी अपना बेटा मानती थीं। गौरी लंकेश वामपंथी धारा की तरफ झुकाव रखती थीं और ये सारे युवा नेता वामपंथी झुकाव वाले हैं।
गौरी लंकेश की हत्या के बाद उनके ‘बेटों’ समेत कई छात्र नेताओं ने सोशल मीडिया पर शोक और आक्रोश जताया।
फेसबुक पर जिग्नेश मेवाणी ने लिखा, 'लोकतंत्र के लिए काला दिन। क्या आप इस पर विश्वास कर सकते हैं।'
मेवाणी ने बताया कि अपने कई साथियों के साथ वो उनके घर पर कुछ दिन पहले रुके थे। मेवाणी ने कहा कि गौरी लंकेश उन्हें, कन्हैया, उमर खालिद और शेहला राशिद को बच्चों की तरह मानती थीं। मेवाणी ने उनकी मौत के लिए फासिस्ट ताकतों को जिम्मेदार ठहराया।
साथ ही जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने गौरी लंकेश के साथ ट्विटर पर अपनी एक पुरानी तस्वीर शेयर की। कन्हैया ने लिखा, 'गौरी लंकेश की कायराना तरीके से की गई इस हत्या से सदमें में हूं और दुखी हूं। वह मेरे लिए मां की तरह थीं। वह हमेशा मेरे हृदय में जीवित रहेंगी।'
Deeply shocked and saddened at the cowardly murder of #GauriLakesh! She was like a mother to me. She will always be alive in my heart. pic.twitter.com/6x4u5UaXqt
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyajnusu) September 5, 2017
आगे कन्हैया ने एक और फोटो ट्वीट करते हुए लिखा, 'गौरी लंकेश ने मुझे पूरी ताकत से सच बोलना सिखाया। वो नफरत के खिलाफ लड़ाई में निडर थीं। हम उनके संघर्ष को आगे ले जाएंगे।'
#GauriLankesh taught me to speak truth to power. She was fearless in her fight against hate. We resolve to carry on her struggle. pic.twitter.com/SnbZ0RnFkS
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyajnusu) September 5, 2017
वहीं जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने फेसबुक पर लिखा, 'ये हैरान कर देने वाला है। मैं इस पर विश्वास नहीं कर सकती। गौरी लंकेश, जो भाजपा के खिलाफ एक बुलंद आवाज थीं, उनकी प्रोफेसर कलबुर्गी की तरह ही हत्या कर दी गई।'
छात्र नेता और फरवरी 2016 से चर्चा में आए उमर खालिद ने कहा, 'हत्यारों की गोलियां आपके विचारों को नहीं मार सकतीं। वह मेरे लिए पत्रकार से बढ़कर थीं और जेएनयू मूवमेंट की समर्थक थीं। वह मुझे बेटा कहती थीं।'