दिवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर 31 अक्टूबर तक प्रतिबंध लगा दिया है। एक नवंबर के बाद पटाखों की बिक्री फिर शुरू हो सकेगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फरमान के बाद कुछ लोग इस फैसले पर नाराजगी जता रहे हैं तो कई इस कदम को सही ठहरा रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर भी कोर्ट के इस फैसले को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
पुरानी दिल्ली के सदर बाजार में कई दुकानदार पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रतिबंध लगाने के फैसले का विरोध कर रहे हैं। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में पटाखे के रिटेलर सुनील का कहना है कि पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला आधारहीन है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्यों हमें पटाखे बेचने का लाइसेंस जारी किया गया? सुनील ने कहा, मैं पटाखों की खरीदारी कर चुका हूं। मेरे पास पटाखों का स्टॉक है। अब मैं इन पटाखों को कहां बेचूं। इसका नकुसान कैसे मैं झेल पाऊंगा।
मशहूर लेखक चेतन भगत ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध करते हुए एक के बाद एक कई ट्विट किए। उन्होंने कहा कि दिवाली में पटाखे बैन करना वैसा ही है, जैसे क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री बैन कर दिया गया हो, बकरीद पर बकरों को बैन कर दिया गया हो। चीजें दुरुस्त कीजिए, लेकिन प्रतिबंध मत लगाइए। हमें अपनी परंपराओं का सम्मान करना चाहिए।
चेतन भगत ने लिखा कि आज अपने ही देश में, उन्होंने बच्चों के हाथ से फुलझड़ी भी छीन ली। हैपी दिवाली मेरे दोस्त...। एक अन्य ट्विट में उन्होंने लिखा, जो लोग दिवाली के दौरान पटाखों पर रोक लगाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, मैं उन्हें इसी उत्साह के साथ दूसरे त्योहारों को भी रिफॉर्म करते हुए देखना चाहता हूं, जिन त्योहारों में खून और हिंसा भरी हुई है।
आज अपने ही देश में, उन्होंने बच्चों के हाथ से फुलझड़ी भी छीन ली। हैपी दिवाली मेरे दोस्त।
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017
मशहूर लेखक ने कहा कि यदि आपको वातावरण की चिंता है तो आपको अपने घर में एक सप्ताह के लिए बिजली बंद कर देनी चाहिए, कारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आप किस आधार पर दूसरों की परंपराओं पर रोक लगा रहे है?
वहीं, क्रिकेटर्स ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने कहा कि वह इस साल दिवाली के नासा की तस्वीर में दिल्ली को मिस करेंगे। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग ने ट्वीट किया, इस बार दिवाली एक्स्ट्रा धूम-धाम से मनाइए। उन्होंने कहा, रीट्वीट कीजिए यदि आप इस साल दिवाली एक्स्ट्रा धूम-धाम से सेलिब्रेट करेंगे।
RT if this year you will celebrate Diwali extra dhoom dhaam se.
— Virender Sehwag (@virendersehwag) October 9, 2017
साथ ही, युवराज सिंह ने बाकायदा एक वीडियो जारी करके लोगों से पटाखों से दूर रहने की अपील की है। उन्होंने अपने वीडियो में पिछले साल दिवाली के बाद हुए वायु प्रदूषण का हवाला देते हुए कहा कि ये हम सब के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
Say no to crackers, let’s celebrate a pollution free Diwali
हालांकि युवराज के इस तरह के ट्विट पर कई यूजर्स ने इसकी सराहना की है तो कई ने आलोचना भ्ाी की है। आलोचना करने वाले लोगों का कहना है कि जब आप वर्ल्ड कप सेरेमनी में पटाखे जलाते हैं, क्या तब पोल्यूशन नहीं दिखाई देता। यूजर्स ने कहा कि दूसरों को भाषण देने से पहले खुद के अंदर झांक कर देख लें। वहीं, एक यूजर ने कहा कि क्रिकेट प्लास्टिक के बैट और बॉल से खेलनी चाहिए, क्यों बैट के लिए पेड़ों को काटा जाता है और क्यों लैदर की बॉल के लिए जानवरों को मारा जाता है... शर्म आनी चाहिए।
हम भारतीयों ने तो 2011 के विश्वकप जीत पर भी पटाखें फोड़ प्रदूषण फैलाया था, ये ज्ञान तब दे देते तो शायद आज प्रदूषण बहुत कम होता!
— NIKHIL VYAS (@VYASNIKHIL) October 8, 2017Lets play cricket with plastic bet and ball many trees cut for wooden bat and many animals for leather ball shame on u
सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर ने कोर्ट के फरमान का स्वागत करते हुए ट्विट किया, फेफड़े और श्वसन विकार के कारण मरने वाले लोग तेजी से बढ़ रहे हैं, पटाखों से पहले अपने बच्चों के बारे में सोचें।
वहीं, एक यूजर गीता शर्मा सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से खुश हैं और उन्होंने ट्विटर पर सुप्रीम कोर्ट को शुक्रिया कहा है।
वहीं एक यूजर ने काफी गुस्से में ट्विटर पर लिखा कि अब दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़ेंगे तो क्या करेंगे? क्या अपने बीवी बच्चों के साथ छुपन छुपाई खेलेंगे? या लूडो खेलें या पकड़म पकड़ाई?
एक यूजर सुशांत ने लिखा कि वे इस फैसले के विरोध में हैं और वह इस दिवाली पर अपनी परंपराओं को जारी रखते हुए पटाखे फोड़ेंगे।
बता दें कि सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले साल नवंबर में दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर लगाई गई रोक 31 अक्टूबर तक जारी रहेगी। न्यायमूर्ति जस्टिस एके सिकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने 6 अक्टूबर को इस विषय पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट से मांग की गई थी कि वह पिछले वर्ष के अपने उस आदेश को बहाल करे, जिसके तहत दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी।
गत वर्ष 11 नवंबर के अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित कर दी थी। हालांकि इस वर्ष 12 सितंबर को शीर्ष अदालत ने अपने उक्त आदेश को अस्थायी तौर पर वापस लेते हुए पटाखों की बिक्री की इजाजत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश नवंबर 2016 के आदेश की बहाली की मांग करने वाली याचिका पर आया था।