यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमंते तत्र देवता।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ।
आपने ये दो सुंदर बातें पढ़ ली हों तो चलिए बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) घूम कर आते हैं।
बीएचयू में छेड़खानी के विरोध में सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर लाठीचार्ज किया गया। ये सब शायद इसलिए भी हो रहा है क्योंकि इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय दौरे पर थे और लड़कियों के विरोध प्रदर्शन की वजह से उनके काफिला का रूट बदलना पड़ा और इससे प्रधानमंत्री की इमेज को झटका लगा है। फिर वो वहां के सांसद भी ठहरे।
ट्विटर पर 'बीएचयू बज' नाम के एक पेज ने लाठीचार्ज से घायल लड़कियों का वीडियो भी डाला है।
#अबकी_बार_बेटी_पर_वार
— BHU BUZZ (@BhuBuzz) September 24, 2017
रात में बेटी को लाठी, डंडे और गोली से पीटकर सुबह वो मन की बात करेंगे।
शर्म करो। @pbhushan1 #BHU #UnSafeBHU pic.twitter.com/1GInJSSrNm
ये सब तब हुआ जब छात्राएं वीसी गिरीश चंद्र त्रिपाठी से मिलने जा रही थीं। गिरीश चंद्र त्रिपाठी को आरएसएस का करीबी माना जाता है। बीएचयू में नियुक्ति से पहले वो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे। नवंबर 2014 में बीएचयू के वीसी बने और इसके पीछे संघ से उनकी नजदीकियों को ही कारण माना गया।
इससे पहले 24 घंटे लाइब्रेरी खोलने, एक कलात्मक मूर्ति को अश्लील बताकर उसको कपड़े से ढंकवाने, अस्पताल के मुद्दों को लेकर विवादों में रहे हैं।
ऐसे मौकों पर संवाद से काफी कुछ हल किया जा सकता है लेकिन संवादहीनता से चीजों को और बदतर किया जा रहा है। लड़कियों को आश्वासन भी नहीं दिया जा रहा है और वीसी लगातार अड़ियल रुख अपनाए हुए हैं।
फिर लाठी बरसाना तो औपनिवेशिक रीति है। हर आवाज को दबाने के लिए अंग्रेज बात-बात पर लाठियां भांज देते थे। सरकार बात करने की बजाय हर आंदोलन में यही रुख अपना रही है। चाहे किसान आंदोलन हों, चाहे छात्रों का आंदोलन। संविधान में लिखा गया है कि बगैर हथियारों के किसी को भी जमा होने या विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है। फिर निहत्थे लोगों के साथ हिंसा करने का क्या मतलब है? ऐसे में तो यही कहने का मन करता है कि हंसिए कि आप न्यू इंडिया में हैं।
फिलहाल बीएचयू में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। लाठीचार्ज के बाद पूरे कैम्पस में भारी पुलिस बल तैनात है। वहीं कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ सुबह 3:30 बजे बैठक की है। इस दौरान कमिश्नर और डीएम भी मौजूद रहे।
इस पर सोशल मीडिया पर भी काफी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया- 'बल से नहीं बातचीत से हल निकाले सरकार।बीएचयू में छात्रों पर लाठीचार्ज निंदनीय। दोषियों पर हो करवाई।'
बल से नहीं बातचीत से हल निकाले सरकार।बीएचयू में छात्रों पर लाठीचार्ज निंदनीय।दोषियों पर हो करवाई।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 24, 2017
ये बल से हि हल करेंगे क्योंकि ये लोग सिर्फ गाए और बैल तक ही सीमित है
— Ajit Yadav (@AjitYadav009) September 24, 2017
#अबकी_बार_बेटी_पर_वार
— Vijay kumar roy (@Vijayku50883000) September 24, 2017
ये वाइसचांसलर नही गुंडा है pic.twitter.com/5iR2fllPgU
Police lathi charges BHU girls
— Shabnam Hashmi (@ShabnamHashmi) September 23, 2017
Shame @sardesairajdeep @seemamustafa @svaradarajan @thewire_in @ANI @PTI_News @ravishndtv pic.twitter.com/eeMYi2nSV7
Students of #BHU we stand by you. No action for sexual assault + police repression: regrettable response by VC, highhandedness by @Uppolice
— Neelesh Misra (@neeleshmisra) September 23, 2017
BHU में छेड़छाड़ के विरोध में धरने पर बैठी लड़कियों पर लाठी चार्ज और हवाई फायरिंग करा कर योगी सरकार ने कुशलता का एक और परिचय दिया है।
— MANJUL (@MANJULtoons) September 24, 2017
वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने ट्वीट किया।
इधर देवी पूजा, उधर छात्राओं पर लाठियों की बरसात। नवरात्रों को भी उपलब्ध हो गया न्यू इंडिया।#BHU
— Om Thanvi (@omthanvi) September 24, 2017
Girls still fighting inspite of being beaten up by Male police officers! Shame on this disgraceful act by BHU administration! #UnsafeBHU pic.twitter.com/mQErnuaHZV
— Shreya_R (@ShreyaR96) September 23, 2017