दरअसल, दुकान बंद कराने वाले भाजपा युवा मोर्चा और हिन्दू जागरण मंच के सदस्यों का आरोप है कि दुकानदार मंजूर अहमद ने अपने फेसबुक पेज पर पाकिस्तानी सेना की तारीफ वाली पोस्ट डाली थी। 59 वर्षीय मंजूर अहमद कश्मीर के बडगाम जिले के हमहमा का रहने वाला है। मंसूर अहमद मसूरी के पांच सबसे पुराने कश्मीरी दुकानदार परिवारों में से एक है। मंजूर अहमद 1971 से मसूरी में कपड़े बेच रहा है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भाजपा युवा मोर्चा और हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि मंसूर अहमद ने अपने फेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमें पाकिस्तानी सेना की तारीफ की गई थी। भ्ााजपा युवा मोर्चा के मसूरी इकाई के अध्यक्ष धर्मपाल सिंह पंवर ने बताया कि उसकी दुकान बंद करवाने के बाद हम और स्थानीय व्यापारी संगठन (मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन) पुलिस थाने गए और उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
वहीं, इस मामले में मसूरी पुलिस थाने के एसएचओ राजीव रौथान ने बताया कि मंसूर अहमद ने भी थाने में अपना फेसबुक अकाउंट हैक होने की प्राथमिकी दर्ज कराई है। एसएचओ के मुताबिक कथित ‘राष्ट्रविरोधी’ पोस्ट अब मंसूर अहमद के फेसबुक वाल पर नहीं दिख रही है। मसूरी पुलिस ने मंसूर अहमद का फोन जब्त करके साइबर सेल में जांच के लिए भेजा है ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि उसका फेसबुक अकाउंट हैक हुआ था या नहीं।