पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ जरदारी ने स्पष्ट कर दिया है कि देश में चुनाव सुधारों के लागू होने और राष्ट्रीय जवाबदेही कानूनों में संशोधन के बाद ही चुनाव होंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ पिछले महीने विपक्षी दलों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ राजनीतिक नेता जरदारी ने कहा कि मौजूदा गठबंधन सरकार के दोनों कार्यों को पूरा करने के बाद चुनाव कराए जाएंगे।
उन्होंने कहा, 'मैंने इस पर नवाज शरीफ (पीएमएल-एन) से भी बात की है और हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि जैसे ही सुधार और लक्ष्य पूरे होंगे, हम चुनाव में जा सकते हैं।'
जरदारी ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही, "हमें कानूनों को बदलना है और उन्हें सुधारना है और फिर चुनाव में जाना है। चाहे तीन या चार महीने लगें, हमें नीतियों के कार्यान्वयन और चुनावी प्रक्रिया में सुधार पर काम करना है।"
उन्होंने यह भी कहा कि नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को मतदान के अधिकार और चुनावों में विदेशी पाकिस्तानियों के प्रतिनिधित्व से कोई समस्या नहीं है।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बुधवार के बयान के बारे में पूछे जाने पर कि नवंबर से पहले चुनाव की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, जरदारी ने कहा कि पीएमएल-एन नेता के अपने विचार थे और वह अपनी पार्टी के निर्देशों को सुनने के लिए बाध्य थे।
उन्होंने कहा कि पीपीपी और पीएमएल-एन ने फैसला किया है कि जब तक चुनावी सुधार नहीं किए जाते, नए सेना प्रमुख की नियुक्ति के बारे में कोई बात नहीं होगी।
जरदारी ने यह भी कहा कि सेना पहली बार 'अराजनीतिक' है।