भारतीय निशानेबाज अर्जुन बाबूता ने अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) विश्व कप राइफल/पिस्टल/शॉटगन चरण में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन किया। शनिवार को पेरू के लीमा में आयोजित प्रतियोगिता में अर्जुन ने मौजूदा ओलंपिक चैंपियन और विश्व रिकॉर्ड धारक चीन के शेंग लिहाओ को कड़ी टक्कर दी, लेकिन महज 0.1 अंक से स्वर्ण पदक से चूक गए। लेकिन इन्होंने अपने नाम रजत पदक कर लिया है। यह उपलब्धि पेरिस ओलंपिक 2024 में चौथे स्थान पर रहने के बाद अर्जुन के लिए बड़ी वापसी है।
फाइनल में अर्जुन ने 252.3 अंक बनाए, जबकि शेंग ने 252.4 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता। हंगरी के अनुभवी निशानेबाज इस्तवान पेनी ने 229.8 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता। इस विश्व स्तरीय फाइनल में स्वीडन के विक्टर लिंडग्रेन और नॉर्वे के जॉन-हरमन हेग जैसे दिग्गज शामिल थे। अर्जुन ने शुरुआत में 10.1 के स्कोर के साथ मजबूत शुरुआत की। पूरे मैच के दौरान अपने प्रतिद्वंद्वियों को जोरदार टक्कर दी। उन्होंने 14वें शॉट के बाद पहली बार बढ़त हासिल की, लेकिन शेंग ने अपने 16वें शॉट में 10.9 के लगभग पूर्ण स्कोर के साथ वापसी की और मैच जीत लिया।
अर्जुन का प्रदर्शन उनकी मानसिक दृढ़ता और तकनीकी कौशल को दर्शाता है। पेरिस ओलंपिक में 9.5 के अंतिम शॉट के कारण कांस्य पदक से चूकना उनके लिए बहुत बड़ा दुख था। उन्होंने स्वर्ण पदक छूटने को "किसी करीबी को खोने" जैसा बताया है। लेकिन लीमा में, उन्होंने उस निराशा को प्रेरणा में बदल दिया और भारत को गौरवान्वित किया।
एक अन्य भारतीय निशानेबाज रुद्राक्ष पाटिल भी फाइनल में थे, लेकिन तकनीकी गलती के कारण उन्हें जल्दी ही बाहर होना पड़ा। अर्जुन क्वालिफिकेशन में 631.9 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहे थे, जबकि शेंग 635.0 अंकों के साथ शीर्ष पर रहे। यह रजत पदक अर्जुन की कड़ी मेहनत और लगन का नतीजा है। 2022 चांगवोन विश्व कप और 2023 एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले अर्जुन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ निशानेबाजों में से एक हैं।