दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत ने वर्ल्ड कप में अपना पहला मैच खेला। इस मैच में भारतीय विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर सबकी नजर गई। इसमें एक खास तरह का निशान बना हुआ था। सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा हो रही है। लोगों ने खोज-बीन की तो पता चला यह निशान पैरा स्पेशल फोर्स से जुड़ा हुआ है और यह ‘बलिदान बैज’ है। इस चिह्न का इस्तेमाल हर कोई नहीं कर सकता। इसे सिर्फ पैरा कमांडो ही लगाते हैं। पैरा स्पेशल फोर्स को आमतौर पर पैरा एसएफ कहा जाता है। यह भारतीय सेना की स्पेशल ऑपरेशन यूनिट होती है। पैरा स्पेशल फोर्स ने ही 2016 में पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया था।‘बलिदान बैज’ वाले ग्लव्स पहने धोनी की यह तस्वीर बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसकी लोग काफी तारीफ कर रहे हैं।
हालांकि इंटननेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने धोनी के ऐसे ग्लव्स पहनने पर आपत्ति जताई है। उसने बीसीसीआई से धोनी के विकेटकीपिंग ग्लव्स से ‘बलिदान बैज’ या पैरा स्पेशल फोर्स के रेजिमेंटल निशान को हटाने के लिए कहा है।
मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक पाने वाले दूसरे क्रिकेटर
बलिदान बैज पैराशूट रेजिमेंट के विशेष बलों के पास होता है। इस बैज पर ‘बलिदान’ लिखा होता है। धोनी को 2011 में सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी। वे यह सम्मान पाने वाले दूसरे क्रिकेटर हैं। उनसे पहले कपिल देव को यह सम्मान दिया गया था।
धोनी ने पैराट्रूपिंग की ट्रेनिंग भी ली है। उन्होंने पैरा बेसिक कोर्स किया। धोनी ने पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस), आगरा में भारतीय वायुसेना के विमान एएन-32 से पांचवीं छलांग लगाकर पैरा विंग्स प्रतीक चिह्न लगाने की योग्यता प्राप्त की थी।
भारत ने जीता मैच
धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में 46 गेंद पर 34 रन की पारी खेली। इस दौरान उन्होंने दो चौके लगाए। उन्होंने फील्डिंग के दौरान युजवेंद्र चहल की गेंद पर एंडीले फेहलुकवायो को स्टंप आउट किया था। भारत ने यह मैच 6 विकेट से जीत लिया।