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तीनों फॉर्मेट में 50 से ऊपर औसत के बावजूद पुजारा से इस मामले में पीछे हैं कप्तान कोहली

पुजारा ने कुल 49 टेस्ट मैचों में 52.18 के औसत से 3,966 रन बनाए हैं, जिसमें 12 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा पुजारा अब तक तीन दोहरे शतक लगा चुके हैं।
तीनों फॉर्मेट में 50 से ऊपर औसत के बावजूद पुजारा से इस मामले में पीछे हैं कप्तान कोहली

टीम इंडिया की नई दीवार चेतेश्वर पुजारा श्रीलंका के खिलाफ जब दूसरा टेस्ट मैच खेलने उतरेंगे तो यह उनके करियर का 50वां टेस्ट होगा। भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच 3 अगस्त से कोलंबो के सिंहली स्पोर्ट्स क्लब ग्राउंड पर खेलेगी। गॉल में खेले गए पहले टेस्ट में बेहतरीन शतक लगाकर पुजारा अपनी जबरदस्त फार्म का सबूत दे चुके हैं।

मौजूदा समय में 50 टेस्ट मैच खेलने का अनुभव सिर्फ ईशांत शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन के पास है. अश्विन ने पिछले मैच में ही 50 टेस्ट मैच खेलने का कीर्तिमान अपने नाम किया हैं। पुजारा भारत की तरफ से 50 टेस्ट मैच खेलने वाले 31वें खिलाड़ी होंगे।

58 टेस्ट खेले चुके विराट कोहली भले ही दुनिया के एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं, जिनका तीनों फॉर्मेट (टेस्ट,वनडे, टी-20) में औसत 50 से ऊपर है। लेकिन टेस्ट मैचों में औसत के मामले में वे मिस्टर भरोसेमंद पुजारा से पीछे हैं। कोहली का टेस्ट में औसत 50.03 का है, जबकि पुजारा का औसत 52.18 का है। पुजारा (15) ने टेस्ट में कोहली (14) से ज्यादा अर्द्धशतक भी जड़े हैं।

अपने 50वें टेस्ट मैच के बारे में बात करते हुए पुजारा ने कहा "अभी तक का मेरा सफर शानदार रहा है। देश के लिये 50वें टेस्ट मैच खेलना मेरे लिये गर्व का क्षण है। हां, इसमें उतार चढ़ाव रहे हैं लेकिन हाल की अच्छी फार्म को देखते हुए मैं 50वें टेस्ट को यादगार बनाने की कोशिश करूंगा।"

उन्होंने आगे कहा, "देश के लिए 50वां टेस्ट मैच खेलना मेरे लिए गर्व करने का क्षण होगा। जब मैने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तभी मैं सोचा करता था कि मैं टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता हूं। जब मुझे भारत के लिए 50वां टेस्ट मैच खेलना है तो ये मेरे लिए गर्व की बात होगी। मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं और बतौर क्रिकेटर अपने खेल को और बेहतर बनाना चाहता हूं।" 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट करियर का आगाज करने वाले पुजारा ने कहा कि अभी तक का उनका सफर शानदार रहा है। देश के लिए 50वां टेस्ट खेलना उनके लिए बड़े सम्मान की बात है।

अपने करियर के शुरूआती दौर में चोट से जूझने वाल पुजारा ने कहा, "चोटिल होना मेरे करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण समय रहा। मैं घुटने की चोट के कारण छह महीने तक मैदान से बाहर रहा और फिर दोबारा 2011 में मैं फिर छह महीने के लिये बाहर हो गया। मैं पूरे साल नहीं खेल सका, जो मेरे लिये काफी कठिन था।"

पुजारा ने आगे कहा, "जब आप चोटिल होते हो तो आपको दोबारा से लय में आने की जरूरत होती है। चोट मेरे करियर का सबसे कठिन हिस्सा थी लेकिन अब मैं इससे बाहर निकल गया हूं और अपनी फिटनेस पर काम कर रहा हूं।"

अपने सबसे यादगार पल को याद करते हुए पुजारा ने कहा, "मैंने 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। मेरे लिए सचिन, गांगुली, द्रविड़ और सहवाग जैसे दिग्गज खिलाडिय़ों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना बड़े सम्मान की बात थी। मुझे आज भी वह पल याद है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस साल की सीरीज जीत को अपने लिए यादगार बताते हुए पुजारा ने कहा कि वह सीरीज काफी मुश्किल थी। मैं अब तक जितनी सीरीज खेला हूं उनमें यह सबसे यादगार जीत थी। मुझे खुशी है कि मैं इस जीत का हिस्सा था।"

पुजारा ने ये भी बताया कि 2011 में जब वह चोट के कारण मैदान से बाहर थे, तब उनके करियर का वो सबसे मुश्किल दौर था। गौरतलब है कि पुजारा ने कुल 49 टेस्ट मैचों में 52.18 की औसत से 3,966 रन बनाए हैं, जिसमें 12 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा पुजारा अब तक तीन दोहरे शतक लगा चुके हैं उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 206 रन है जो कि उन्होंने साल 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ अहमदाबाद में बनाया था

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