पूर्व पाकिस्तानी लेग स्पिनर दानिश कनेरिया ने अपने क्रिकेट बोर्ड से उन पर 2013 में स्पॉट फिक्सिंग के लिए लगाया गया आजीवन प्रतिबंध हटाने की अपील की है। पाकिस्तान की तरफ से 61 टेस्ट मैचों में 261 विकेट लेने वाले कनेरिया क्रिकेट में वापसी के लिए बेताब है और यहां तक कि वह घरेलू क्रिकेट में खेलने के लिए भी उत्सुक हैं।
आजीविका चलाने में हो रही हैं कठिनाईयां
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष एहसान मनि को भेजे गए पत्र में 39 वर्षीय कनेरिया के कानूनी फर्म ने प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया है, जिससे यह क्रिकेटर खेल के जरिए अपनी आजीविका चला सके। कनेरिया पर इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने आजीवन प्रतिबंध लगाया था। जब इसके खिलाफ उनकी अपील खारिज हो गई तो पीसीबी ने भी उन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पाकिस्तान की तरफ से खेलने वाले केवल दूसरे हिंदू खिलाड़ी
दानिश कनेरिया पूर्व में भी कई अवसरों पर कह चुके हैं कि अगर मोहम्मद आमिर और सलमान बट जैसे खिलाड़ियों पर से प्रतिबंध हटाया जा सकता है तो फिर उन्हें अपनी आजीविका चलाने से वंचित करना अनुचित होगा। इस लेग स्पिनर को 2009 में इंग्लिश काउंटी एसेक्स की तरफ से डरहम के खिलाफ खेले गये मैच में मर्विन वेस्टफील्ड के साथ स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाया गया था। वह लंबे समय से पीसीबी से मदद की गुहार लगा रहे हैं। कनेरिया पाकिस्तान की तरफ से खेलने वाले केवल दूसरे हिंदू खिलाड़ी हैं। उनसे पहले उनके मामा अनिल दलपत ने भी पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया था।
2018 में स्पॉट फिक्सिंग की बात की थी कबूल
बता दें कि दानिश कनेरिया ने नौ साल पुराने मामले में आखिरकार 2018 में स्पॉट फिक्सिंग की बात कबूल की थी। इससे पहले वह खुद पर लगे इन आरोपों को झूठा ही करार देते रहे थे। आरोप कबूलते हुए उन्होंने लोगों से खुद को माफी देने की गुजारिश भी की थी। दानिश ने कहा था, ''मेरा नाम दानिश कनेरिया है और मैं स्वीकार करता हूं कि 2012 में इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड की ओर से लगाए गए दो चार्जेस का मैं दोषी हूं। मैं अपनी इस गलती के लिए मर्वेन वेस्टफील्ड, एसेक्स के मेरे सभी साथी खिलाड़ियों, मेरे एसेक्स क्रिकेट क्लब, मेरे एसेक्स क्रिकेट फैन्स से माफी मांगता हूं। मैं पाकिस्तान को भी सॉरी कहना चाहता हूं।''