इसके साथ ही अदालत ने डीडीसीए को भी आदेश दिया है कि वह दो किश्तों में सरकार के पास फिलहाल एक करोड़ रुपए जमा कराए। अदालत ने सरकार से कहा कि वह आगामी टेस्ट मैच के लिए डीडीसीए को दिया जाने वाला अनापत्ति प्रमाण पत्र रोककर नहीं रखे क्योंकि संघ एक करोड़ रुपए का भुगतान करेगा।
इससे पहले बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया था कि वह डीडीसीए को फिरोजशाह कोटला मैदान का इस्तेमाल अगले महीने होने वाले चौथे टेस्ट मैच के लिए करने की अनुमति दे। हालांकि डीडीसीए पर लग रहे अनियमितताओं के आरोप के मद्देनजर अदालत ने रिटायर्ड जज मुकुल मुद्गल को इस मामले में निरीक्षण करने की बात भी जोड़ दी थी। इसके बावजूद दिल्ली में टेस्ट मैच होगा या नहीं इसे लेकर असमंजस बना हुआ था क्योंकि दिल्ली सरकार ने डीडीसीए पर जो मनोरंजन कर लगाया हुआ है उसका भुगतान नहीं होने के कारण सरकार डीडीसीए को अनापत्ति प्रमाणपत्र देने के लिए तैयार नहीं थी। अब अदालत के गुरुवार के निर्देश के बाद दिल्ली में मैच का आयोजन होना तय माना जा रहा है।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद केंद्रीय वित्त मंत्री और अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के नेतृत्व वाले डीडीसीए पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते रहे हैं और इन आरोपों पर कार्रवाई करते कुछ दिन पहले ही दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की जिसने अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और इस रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार ने डीडीसीए को बीसीसीआई से निलंबित करने की मांग की है।