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राज्य क्रिकेट संघों को फंड देने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, अगली सुनवाई 17 को

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड क्रिकेट में सुधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपना अंतरिम आदेश सुनाया। इस मामले में अब आगे की सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी। कोर्ट ने बीसीसीआई को राज्य संघों को फंड देने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि जब राज्य संघ हलफनामा देंगे, तब उन्हें बीसीसीआई फंड जारी कर सकता है।
राज्य क्रिकेट संघों को फंड देने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, अगली सुनवाई 17 को

 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन 13 राज्य संघों को प्रसारण का टीवी राइट्स का पैसा दिया गया है, वे इस मुद्दे पर स्पष्ट आदेश से पहले इसका प्रयोग नहीं कर सकते। कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई को लोढ़ा समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के संबंध में हलफनामा देना होगा। इन सभी मामलों में रत्नाकर शेट्टी कोर्ट को जानकारी देंगे।

कोर्ट ने 13 एसोसिएशनों को 16.73 करोड के फंड पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जो फंड दिया जा चुका है उसके लिए एसोसिएशन प्रस्ताव पास करके यह हलफनामा दाखिल करेंगे कि वह लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को मानेंगे। जब तक यह हलफनामा दाखिल न हो, रिलीज किया गया फंड फिक्स डिपॉजिट में डाला जाए। 

उच्चतम न्यायालय ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को लोढा समिति के बारे में आईसीसी से उनकी बातचीत को लेकर निजी हलफनामा दाखिल करने को कहा। उच्चतम न्यायालय ने ठाकुर और बीसीसीआई अधिकारी रत्नाकर शेट्टी से 10 दिन के भीतर हलफनामा देने को कहा। बीसीसीआई के वकील ने कहा कि बीसीसीआई सुधारों के खिलाफ नहीं है लेकिन तकनीकी दिक्कतें हैं, हम उन्हें दूर करेंगे। 

रत्नाकर शेट्टी ने हलफनामा दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि अनुराग ठाकुर ने आईसीसी के सीईओ रिचर्डसन से मुलाकात की थी और उनका कहना था कि अगर लोढ़ा पैनल की सिफारिशों के तहत बीसीसीआई में सीएजी के अफसर की नियुक्ति की गई, तो यह सरकार का क्रिकेट में दखल होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर को कहा है कि वह हलफनामा दाखिल करें कि क्या ऐसी बात हुई थी। कोर्ट ने रत्नाकर शेट्टी से भी कहा कि उनको भी यह जवाब देना है कि यह हलफनामे दाखिल करने के लिए उन्हें किसने अधिकृत किया है। बीसीसीआई की तरफ से कहा गया कि कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं। कोर्ट ने कहा हम दूर कर देंगे।


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