इस चमत्कारिक घटना में हनीफ के बेटे शोएब मुहम्मद ने अस्पताल से कई टेलीविजन चैनलों को बताया कि उनके पिता का निधन हो गया है लेकिन कुछ ही मिनटों बाद उन्होंने फिर से घोषणा की कि उनका निधन नहीं हुआ और वह जीवित हैं। हनीफ को कई बीमारियों से पीड़ित होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह वेंटिलेटर पर थे। शोएब ने कहा, उनके दिल की धड़कन छह मिनट के लिए रूक गयी थीं लेकिन डॉक्टर उन्हें ठीक करने में सफल रहे।
उन्होंने कहा, अल्लाह ने उन्हें दूसरा मौका दिया है और मुझे लगता है कि यह उनके लाखों प्रशंसकों एवं समर्थकों की दुआओं का असर है। उन्होंने रोते-रोते कहा कि वह अस्पताल जा रहे थे जब एक रिश्तेदार ने उन्हें उनके पिता के निधन की जानकारी दी। शोएब ने कहा, मैं घबरा गया और रोना शुरू कर दिया लेकिन जब मैं अस्पताल पहुंचा तो मुझे बताया गया कि उनकी दिल की धड़कन छह मिनट के लिए रूक गयी थी लेकिन डॉक्टर उन्हें ठीक करने में सफल रहे। अस्पताल के एक प्रवक्ता ने कहा, हनीफ मोहम्मद जीवित हैं और सांस की तकलीफ होने के कारण दो हफ्ते पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसके बाद से उन्हें हरसंभव इलाज मुहैया कराया जा रहा है। यह 81 साल का पूर्व क्रिकेटर 30 जुलाई से वेंटिलेंटर पर है और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
प्रवक्ता ने कहा, वह इस समय वेंटिलेटर पर हैं और फेफड़े के कैंसर के कारण शुरू हुई तकलीफों के इलाज के लिए उन्हें आईसीयू में रखा गया है। हनीफ उस पाकिस्तानी टीम के सदस्य थे जिसने पहली बार 1954-55 में भारत का दौरा किया था। उन्होंने 55 टेस्ट मैच खेले थे और वेस्टइंडीज के खिलाफ 1957-58 में 337 रन की यादगार पारी खेली थी।
एजेंसी