रिद्धिमान जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण इंग्लैंड के खिलाफ पिछले तीन टेस्ट मैच नहीं खेल पाये थे और उनकी जगह टीम में शामिल किये गये पार्थिव पटेल ने इस मौके का पूरा फायदा उठाते हुए दो अर्धशतक जड़े।
उन्होंने बातचीत के दौरान पीटीआई से कहा, टेस्ट सीरीज पर कोई भी बाहर नहीं होना चाहता। यह स्वाभाविक है कि अगर कोई चोट के कारण बाहर होता होता है तो वह काफी निराश होगा। अब पार्थिव आये और उन्होंने अच्छा किया लेकिन मुझे असुरक्षित होने का कोई कारण नहीं दिखता। ज्यादा से ज्यादा बुरा क्या होगा। मुझे अगली टेस्ट सीरीज के लिये नहीं चुना जायेगा। मेरा काम क्या है? चोट के बाद घरेलू क्रिकेट में अच्छी वापसी करना और बेहतरीन प्रदर्शन करना जो मेरे हाथ में है।
यह पूछने पर कि क्या यह आसान होगा तो उन्होंने जवाब दिया, कम से कम मेरे लिये तो यह सरल है।
उन्होंने कहा, मैंने कभी भी सफलता को सिर चढ़कर नहीं बोलने दिया और न ही असफलता से मेरे ऊपर कोई असर पड़ता है। मेरा मानना है कि मैं अब तक एक संतुलन बनाकर चल रहा हूं। और मैं बचपन से ही ऐसा हूं। मैं चीजों के बारे में ज्यादा भावुक नहीं होता। आपको जीवन को सरल रखना चाहिए।
यह पूछने पर कि क्या रिद्धिमान ने ये चीजें महेंद्र सिंह धोनी से भारतीय टीम और चेन्नई सुपर किंग्स के ड्रेसिंग रूम में सीखी है तो उन्होंने कहा, मैं ऐसा इसलिये नहीं हूं कि मैंने ये चीजें धोनी से सीखी हैं बल्कि मैं ऐसा इसलिये हूं क्योंकि मैं रिद्धिमान हूं। मैं आपको एक बात बताऊं कि जीवन के प्रति आपका रवैया आपका खुद का होता है। हर कोई अपना खुद का कोच होता है। ये चीजें आप किसी से सीख नहीं सकते।
टूर्नामेंट में वापसी के बारे में बात करते हुए रिद्धिमान ने कहा कि उनका रिहैबिलिटेशन पूरा हो गया और वह इस हफ्ते के अंत में अपने क्लब की टीम मोहन बागान की ओर से खेलेंगे।
उन्होंने कहा, मैंने पांच दिन पहले एनसीए में अपना रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम पूरा किया। मैं प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलना शुरू कर सकता हूं। एनसीए में वे एक विशेष मांसपेशी के उतक पर काम करते हैं जो चोट के कारण कमजोर हो जाता है। उन्होंने कहा, अब मैं कुछ मैच अपने क्लब की टीम मोहन बागान के लिये खेलूंगा। मैंने नेट सत्र शुरू कर दिये हैं जो अच्छे चल रहे हैं।
भाषा