उसने टेस्ट पिचों की गुणवत्ता पर भी चिंता जतायी। इनमें भी विशेषकर मेजबान देशों का अपनी टीमों के अनुकूल पिचें तैयार करने के आम चलन पर चिंता व्यक्त की।दिलचस्प बात यह है कि वर्तमान में आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर के घरेलू मैदान नागपुर की भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच ढाई दिन के अंदर टेस्ट मैच समाप्त होने के बाद कड़ी आलोचना हुई थी और आईसीसी पिच एवं मैदान समिति ने उसे आधिकारिक चेतावनी दी थी।
यही नहीं क्रिकेट समिति में मीडिया प्रतिनिधि के रूप में शामिल रवि शास्त्री उस श्रृंखला के दौरान भारत के टीम निदेशक थे। आईसीसी की विज्ञप्ति के अनुसार मनोहर और शास्त्री दोनों ही बैठक में उपस्थित नहीं थे। समिति के अन्य प्रमुख सदस्य भारत ए के वर्तमान कोच राहुल द्रविड़ हैं जिन्होंने रणजी ट्राफी में परिणाम हासिल करने के लिए पिछले साल पिचों की गुणवत्ता पर चिंता जतायी।
इस पर चर्चा की गयी कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर दिन रात्रि टेस्ट क्रिकेट को कैसे आगे बढ़ाया जाए। क्रिकेट समिति ने अंतरराष्टीय क्रिकेट में टेक्नोलोजी के भविष्य में उपयोग पर भी लंबी चर्चा की। इनमें निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के लिये उपयोग की जा रही टेक्नोलोजी भी शामिल है।