पहली पारी में 136 रन की बढ़त से आगे खेलते हुए भारतीय टीम दूसरी पारी में 46.3 ओवर में 173 रन पर सिमट गई। भारत के लिए शिखर धवन ने 39 और चेतेश्वर पुजारा ने 31 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका के लिए इमरान ताहिर ने पांच और मोर्ने मोर्कल ने तीन विकेट लिए। भारत की दूसरी पारी की शुरुआत कुछ खास नहीं रही थी। भारत ने 108 रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे। अब अफ्रीकी बल्लेबाजों के सामने जीत के लिए 310 रन का लक्ष्य है।
इससे पहले गुरूवार को दूसरे दिन का खेल शुरू होने के साथ ही अफ्रीकी पारी लड़खड़ानी शुरू हो गई। ऑफ स्पिनर अश्विन ने 32 रन देकर पांच विकेट लिए जबकि बायें हाथ के स्पिनर जडेजा ने 33 रन देकर चार विकेट चटका दिए। अमित मिश्रा भी एक विकेट हासिल करने में कामयाब रहे। इससे पहले अपने कल के स्कोर दो विकेट पर 11 रन से आगे खेलते हुए दक्षिण अफ्रीका ने आखिरी आठ विकेट पहले सत्र में ही गंवा दिया। इससे पहले 1996 में भारत के विरुद्ध खेलेते हुए अफ्रीकी टीम 84 रन पर आउट हो गई थी।
अफ्रीका की ओर से जेपी डुमिनी ने सबसे अधिक 65 गेंदों में 35 रन को योगदान दिया। आफ स्पिनर हार्मर ने 13 रन बनाए। एबी डिविलियर्स अपना खाता भी नहीं खोल सके जबकि कफ्तान हाशिम अमला एक रन बनाकर आउट हो गए। अमला ने अश्विन की गेंद पर स्वीप शॉट खेलने की कोशिश की और स्लिप में अजिंक्य रहाणे के हाथों कैच आउट हो गए। सुबह खेल शुरू होने के कुछ ही देर बाद दक्षिण अफ्रीका ने पांच ओवर के भीतर तीन विकेट गंवा दिए थे और एक समय उसका स्कोर 12 रन पर पांच विकेट था। दक्षिण अफ्रीका को सबसे बड़ा एबी डिविलियर्स के आउट होने पर लगा जब उन्होंने लेग साइड पर पड़ रही जडेजा की गेंद पर रिटर्न कैच थमा दिया। दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी की कमर टूट चुकी थी। डुमिनी और डु प्लेसिस स्कोर को 35 रन तक ले गए लेकिन इसके बाद डुप्लेसिस की एकाग्रता टूट गई और वह जडेजा की गेंद पर बोल्ड आउट हो गए।