दक्षिण अफ्रीका के सामने जीत के लिए 310 रन का लक्ष्य था। टीम ने सुबह दो विकेट पर 32 रन से आगे खेलना शुरू किया लेकिन चाय के विश्राम के बाद पूरी टीम 185 रन पर आउट हो गई। दक्षिण अफ्रीका के लिए धुंधली-सी उम्मीद तब जगी थी जब कप्तान हाशिम अमला (39) और फाफ डुप्लेसिस (39) क्रीज पर थे। इन दोनों ने पांचवें विकेट के लिये 72 रन जोड़े जो इस श्रृंखला की सबसे बड़ी साझेदारी है।
भारतीय स्पिनरों ने एक बार फिर अपनी फिरकी के जाल में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को फंसा लिया। अश्विन ने दूसरी पारी में 66 रन देकर सात और मैच में कुल 98 रन देकर 12 विकेट लिए। लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने भी 51 रन देकर तीन विकेट चटकाए और लंच के बाद छह गेंद के अंदर अमला और डुप्लेसिस को आउट कर दक्षिण अफ्रीका की हार पुख्ता कर दी।
मोहाली में पहला टेस्ट 108 रन से जीतने वाले भारत ने चार मैचों की श्रृंखला में 2-0 से अजेय बढ़त हासिल कर ली है। बेंगलुरू में दूसरा मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था जबकि चौथा और अंतिम टेस्ट मैच नयी दिल्ली में तीन दिसंबर से खेला जाएगा। यह तीसरा अवसर है जबकि भारत ने दक्षिण अफ्रीका को अपनी सरजमीं पर टेस्ट श्रृंखला में पराजित किया। इससे पहले उसने 1996 में तीन मैचों की श्रृंखला 2-1 से जबकि 2004 में दो मैचों की श्रृंखला 1-0 से जीती थी। विराट कोहली की कप्तानी में भारत लगातार दूसरी श्रृंखला जीतने में कामयाब रहा। इससे पहले भारत ने श्रीलंका को उसकी सरजमीं पर 2-1 से हराया था। दक्षिण अफ्रीका ने नौ साल में पहली बार विदेशी सरजमीं पर टेस्ट श्रृंखला गंवाई है। इससे पहले वह 2006 में श्रीलंकाई धरती पर श्रृंखला हार गया था। भारतीय धरती पर यह पहला टेस्ट मैच है जिसमें एक भी अर्धशतक नहीं लगा।
अश्विन शुरू से ही दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों पर हावी रहे थे। उन्होंने पहले सत्र में डीन एल्गर (18) और एबी डिविलियर्स (9) को आउट किया। पहले स्पैल में उन्होंने पांच ओवर में 15 रन देकर दो विकेट लिए। दूसरे सत्र में मिश्रा ने भारत को दो महत्वपूर्ण सफलताएं दिलाई और इसके बाद फिर से अश्विन हावी हो गए।
पांच साल पहले इसी मैदान पर 253 रन बनाने वाले अमला ने 219 मिनट तक क्रीज पर बिताये और 167 गेंद खेली तथा इस बीच दो चौके लगाये। डुप्लेसिस ने अपने कप्तान के पवेलियन लौटने से पहले संयम से बल्लेबाजी की थी लेकिन इसके पांच गेंद के बाद वह भी मैदान से बाहर लौट रहे थे। उन्होंने मिश्रा की नीची रहती गेंद पर पुल करने का गलत फैसला किया जो उनका मिडिल स्टंप उखाड़ गयी।
इन दो गेंदों ने दक्षिण अफ्रीका की लक्ष्य तक पहुंचने की रही सही उम्मीद भी समाप्त कर दी। अश्विन ने चाय के विश्राम के बाद बाकी बचे चारों विकेट निकालने में देर नहीं लगाई। यह 15वां अवसर है जबकि अश्विन ने पारी में पांच या इससे अधिक विकेट लिए है। उन्होंने मैच में दस या इससे अधिक विकेट लेने का कारनामा चौथी बार किया है।