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रंगभेद को लेकर इस क्रिकेटर ने दिया बड़ा बयान, कहा- 'सिर्फ गोरा ही हैंडसम नहीं'

अभिनव मुकंद पर पिछले कई समय से उनके रंग को लेकर सोशल मीडिया पर उनका माजाक उड़ाया जाता रहा है। उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट लिखकर रंगभेद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।
रंगभेद को लेकर इस क्रिकेटर ने दिया बड़ा बयान, कहा- 'सिर्फ गोरा ही हैंडसम नहीं'

पूरी दुनिया में नस्लभेद और रंगभेद एक बहुत बड़ी समस्या रही है। मार्टिन लूथर किंग और नेल्सन मंडेला जैसे व्यक्तियों ने इसके खिलाफ पूरे जोर-शोर से आवाज उठाई। लेकिन आज भी कई लोग रंगभेद का शिकार हो रहे हैं।

आम आदमी के अलावा फिल्मी हस्तियां और खिलाड़ियों के रंग को लेकर भी सोशल मीडिया पर मजाक बनाता रहता हैं। हाल ही में भारतीय टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद को उनके रंग को लेकर टिप्पणी की गई। बता दें कि अभिनव मुकंद पर पिछले कई समय से उनके रंग को लेकर सोशल मीडिया पर उनका माजाक उड़ाया जाता रहा है। इसी को लेकर उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट लिखकर रंगभेद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।

देश के लिए खेलना गर्व की बात 

सोशल मीडिया में की गई एक पोस्ट में अभिनव ने अपने पूर्व के अनुभव को याद करते हुए लिखा, "मैं 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहा हूं और मैंने धीरे-धीरे सफलता की ऊंचाई छुईं और वहां पहुंचा जहां मैं आज हूं।"

अभिनव ने लिखा, "उच्च स्तर पर देश के लिए खेलना गर्व की बात है। मैं आज किसी की सहानुभूति और ध्यान खींचने के लिए नहीं लिख रहा हूं बल्कि इस उम्मीद से कि उस मुद्दे पर लोगों की सोच बदल पाऊं जिसके बारे में मैं सबसे ज्यादा सोचता हूं।"

मुकुंद ने आगे लिखा, "मैं 15 साल की उम्र से देश के बाहर और देश में बहुत घूमा हूं। मैंने पाया कि लोगों ने मेरे रंग पर काफी तंज कसते हैं। मेरी स्किन को लेकर लोगों का बेइज्जती करना मेरे लिए हमेशा से राज रहा है। जो कोई क्रिकेट को फॉलो करता है वह इसे समझेगा। मैंने धूप में काफी क्रिकेट खेली है। मगर मुझे एक बार भी इस बात पर कभी पछतावा नहीं हुआ कि मैं काला पड़ रहा हूं। वह इसलिए क्योंकि जो मैं करता हूं, वो मुझे पसंद है। और मैंने कुछ चीजों को सिर्फ इसलिए हासिल किया क्योंकि उसे पाने के लिए मैंने कई घंटे घर से बाहर कड़ी धूप में बिताए। मैं चेन्नई से आता हूं जो शायद हमारे देश की सबसे गर्म जगह है और मैंने खुशी-खुशी अपनी ज्यादातर युवा उम्र क्रिकेट मैदान पर गुजारी है।"

गोरा रंग ही लवली या हैंडसम नहीं 

उन्होंने आगे कहा, "मेरे रंग को लेकर मुझपर कई तरह के ताने दिए गए, बचपन से ही मुझे इसका कारण समझ नहीं आया। लेकिन आज मैं सिर्फ इतना कहना चाहती हूं कि सिर्फ गोरा होना आपकी खूबसूरती का प्रमाण नहीं। आप जैसे हैं खुद से वैसे प्यार करे।"

मुकुंद ने लिखा, "सोशल मीडिया के आने से, यह बात बहुत बढ़ गई है कि लोग अक्सर गालियां देने लगते हैं, यह कुछ ऐसा है जिसमें मेरा कोई नियंत्रण नहीं है। गोरा रंग ही लवली या हैंडसम नहीं होता। जो भी आपका रंग है, उसमें सहज रहकर अपने काम पर फोकस करें।

उन्होंने यह भी कहा कि उनके बयान का भारतीय टीम के किसी सदस्य से सरोकार नहीं है। इसका कुछ और मतलब ना निकाला जाए. इसका टीम में किसी से कोई सरोकार नहीं है। यह उन लोगों के लिए है जो चमड़ी के रंग को लेकर लोगों को निशाना बनाते हैं। कृपया इसे राजनीतिक रंग ना दें। मैं सिर्फ सकारात्मक बयान देना चाहता था जिससे कोई बदलाव आए।


 

 

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