विश्व कप विजेता पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने कहा है कि न्यूजीलैंड के हाथों घरेलू मैदान पर हारना टीम इंडिया के लिए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हारने से भी बड़ी निराशा थी, लेकिन उन्होंने अनुभवी रोहित शर्मा और विराट कोहली की आलोचना करने वालों में शामिल होने से इनकार कर दिया।
भारत ने पिछले कुछ महीनों में पांच दिवसीय प्रारूप में काफी मुश्किलों का सामना किया है, जिसमें उसे घरेलू मैदान पर कमजोर न्यूजीलैंड के हाथों 0-3 से हार का सामना करना पड़ा, जो टीम के टेस्ट इतिहास में पहली बार हुआ। इसके बाद बॉर्डर गावस्कर सीरीज के विदेशी संस्करण में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-3 से हार का सामना करना पड़ा।
दोनों पराजयों के लिए मुख्य रूप से टीम की बल्लेबाजी की कमजोरियों को जिम्मेदार ठहराया गया है, खासकर रोहित और कोहली की।
युवराज ने यहां 'पीटीआई वीडियोज' को दिए साक्षात्कार में कहा, "मेरे हिसाब से न्यूजीलैंड से हारना ज्यादा दुखद है। क्योंकि वे अपने घरेलू मैदान पर 3-0 से हार रहे हैं। आप जानते हैं कि यह स्वीकार्य नहीं है। यह (बीजीटी हारना) अब भी स्वीकार्य है क्योंकि आप ऑस्ट्रेलिया में दो बार जीत चुके हैं। और इस बार आप हार गए।"
भारत की 2011 विश्व कप जीत के 43 वर्षीय नायक ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया पिछले कई वर्षों से प्रभावशाली टीम रही है, यह मेरा विचार है।"
कोहली ने श्रृंखला के दौरान कम से कम एक शतक जमाया, हालांकि उन्हें जब भी ऑफ स्टंप के बाहर गेंद करने का प्रलोभन दिया गया, तो वे आउट हो गए, लेकिन रोहित का प्रदर्शन इससे भी खराब रहा और वे केवल 31 रन ही बना सके, जिसके कारण उन्हें अंतिम टेस्ट से बाहर होना पड़ा।
लेकिन युवराज ने कहा कि इन दोनों की पिछली उपलब्धियों को देखते हुए उनकी आलोचना करना अनुचित है। उन्होंने कहा, "हम अपने महान खिलाड़ियों विराट कोहली और रोहित शर्मा के बारे में बात कर रहे हैं, हम उनके बारे में बहुत बुरी बातें कह रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "लोग भूल जाते हैं कि उन्होंने अतीत में क्या हासिल किया है। वे इस समय के महानतम क्रिकेटरों में से एक हैं। ठीक है, वे हार गए, उन्होंने अच्छा क्रिकेट नहीं खेला। वे हमसे ज्यादा चोटिल हो रहे हैं।"
युवराज ने उम्मीद जतायी कि भारत मजबूती से वापसी करेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ रोहित और कोहली पर ही नहीं बल्कि नए मुख्य कोच गौतम गंभीर पर भी पूरा भरोसा है जो पूर्व में उनके साथी भी रह चुके हैं।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि कोच के रूप में गौतम गंभीर, चयनकर्ता के रूप में अजीत अगरकर, रोहित शर्मा, विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह, वे इस समय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। और उन्हें यह तय करना है कि भविष्य में भारतीय क्रिकेट का क्या रास्ता होगा।"
इस पूर्व बल्लेबाज ने सिडनी टेस्ट से खुद को बाहर रखने के लिए रोहित की सराहना करते हुए कहा कि यह निस्वार्थ कार्य था।
युवराज ने कहा, "मुझे लगता है कि यह बड़ी बात है। मैंने पहले कभी नहीं देखा कि कप्तान का फॉर्म अच्छा नहीं चल रहा हो और वह खुद बाहर हो गया हो। और यह रोहित शर्मा की महानता है कि उन्होंने टीम को खुद से आगे रखा है।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि वह एक महान कप्तान हैं। हारें या जीतें, वह हमेशा एक महान कप्तान रहेंगे। और उनकी कप्तानी में हमने (वनडे) विश्व कप फाइनल खेला है। हमने टी-20 विश्व कप जीता है। हमने बहुत कुछ हासिल किया है।"
उन्होंने आलोचकों से टीम के प्रदर्शन की आलोचना करते समय संयम बरतने का आग्रह किया।
भारत के लिए 304 वनडे, 40 टेस्ट और 58 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलकर सभी प्रारूपों में 11,000 रन बनाने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, "मैं खेल का छात्र था और अब भी मैं खेल का छात्र हूं। मैंने जितना क्रिकेट खेला है, उन्होंने मुझसे कहीं अधिक क्रिकेट खेला है।"
उन्होंने कहा, "मैं अपनी राय दे सकता हूं। और मेरी राय यह है कि जब खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे होते हैं तो उनके बारे में बुरा कहना आसान होता है। लेकिन उनका समर्थन करना बहुत मुश्किल होता है। मीडिया का काम उनके बारे में बुरा कहना है। मेरा काम अपने दोस्तों और भाइयों का समर्थन करना है। मेरे लिए वे मेरा परिवार हैं। सीधी बात है।"