भारत की एमसी मैरी कॉम ने शनिवार को विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में इतिहास रच दिया। मैरी कॉम ने लाइट फ्लायवेट (45-48 किग्रा) वर्ग के फाइनल में यूक्रेन की हाना ओखोता को हराकर छठा विश्व खिताब हासिल किया। 6 विश्व खिताब जीतते हुए वह दुनिया की सबसे सफल महिला मुक्केबाज बन गईं। जीत के बाद मैरी कॉम ने कहा कि वह देश को यह मेडल समर्पित करती हैं।
पहले राउंड में हाना ने आक्रामक रुख अपनाया जबकि मैरी कॉम ने भी कई बार आक्रमण किए। दूसरे राउंड में एक बार मैरी कॉम मैट पर आ गई थीं लेकिन उन्होंने जबरदस्त वापसी की और
अंततः जीत हासिल कर गोल्ड पर कब्जा कर लिया।
केटी टेलर को पीछे छोड़ा
मैरी कॉम और आयरलैंड की केटी टेलर विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप की सबसे सफल मुक्केबाज थीं। इन दोनों ने 5-5 बार स्वर्ण पदक हासिल किए थे लेकिन अब मैरी कॉम ने केटी को पीछे छोड़ दिया है। केटी टेलर अब प्रोफेशनल मुक्केबाज बन चुकी हैं। मैरी कॉम ने इससे पहले 2002, 2005, 2006, 2008 और 2010 में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे। उन्होंने इसके अलावा 2001 में रजत पदक भी हासिल किया था। मैरी ने कुछ समय पहले पोलैंड में यूक्रेनी मुक्केबाज हाना को पराजित किया था।
पुरुष मुक्केबाज फेलिक्स सेवोन की बराबरी
मैरी कॉम ने क्यूबा के महान पुरुष मुक्केबाज फेलिक्स सेवोन की बराबरी कर ली है। सेवोन ने 1986 से 1999 के बीच 6 बार विश्व खिताब हासिल किया था और उन्होंने एक बार रजत पदक भी जीता था। वे 91 किग्रा वर्ग में लड़ते थे।