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क्रिकेट में नई बेल्स को मंजूरी, विकेटकीपरों को नहीं लगेगी चोट

मार्क बाउचर की याद है आपको। हां, वही दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर, पांच वर्ष पहले जिनकी आंख में उछलकर बेल्स लग गई थी और उन्हें वक्त से पहले क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ गया था। लेकिन अब विकेटकीपरों को ऐसी गंभीर चोटों से बचाने के लिए मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने पहल की है। एमसीसी ने ऐसी बेल्स के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है जो स्टंप उखड़ने के वक्त गिरेगी तो उतनी ही तेजी से लेकिन उसकी दूरी सीमित हो जायेगी। दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन की दो कंपनियों ने इस तरह की बेल्स के अपने डिजाइन सौंपे हैं।
क्रिकेट में नई बेल्स को मंजूरी, विकेटकीपरों को नहीं लगेगी चोट

बाउचर को करानी पड़ी थी बायीं आंख की सर्जरी

गौरतलब है कि अभी जिन बेल्स का इस्तेमाल हो रहा है, स्टंप पर गेंद लगने से वो कई बार इतनी तेजी से उछलती हैं कि विकेटकीपरों की आंखों पर चोट लगने का खतरा हो जाता है। इसी तरह की एक घटना में वर्ष 2012 में दक्षिण अफ्रीका के मार्क बाउचर को इंग्लैंड दौरे में शुरूआती मैच के दौरान अचानक बेल्स उछलकर उनकी बायीं आंख में जा लगी। बाउचर को मैदान छोड़ना पड़ा। चोट इतनी गंभीर थी कि बाउचर को सर्जरी करानी पड़ी और आखिर में क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ा।

छोटी सी बेल्स की चोट ने सबा करीम का खत्म किया करियर

भारत के पूर्व विकेटकीपर सबा करीम का करियर भी इसी तरह की चोट के कारण खत्म हो गया था। उन्हें 2000 में ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ एशिया कप मुकाबले में इसी तरह की चोट लगी थी। अनिल कुंबले की गेंद पर बेल्स बल्लेबाज के जूते से लगकर करीम की दायीं आंख में लग गयी थी।

धोनी की आंख में भी लग गई थी बेल्स

पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की भी दायीं आंख में पिछले साल जिम्बाब्वे के खिलाफ अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान बड़ा शाट खेलने की कोशिश में बेल्स लग गयी थी।

इन घटनाओं को देखते हुए एमसीसी ने नियम 8.3 में बदलाव करने का फैसला किया। दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन की दो कंपनियों ने अपने डिजाइन सौंपे हैं जिसमें टीथर वाली बेल होंगी।

एमसीसी ने किया नियम में बदलाव

एमसीसी के नियम संबंधित मैनेजर फ्रेजर स्टेवार्ट ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, अगर इससे किसी खिलाड़ी की आंख की रोशनी जाने से बचती है तो इस पर विचार करना महत्वपूर्ण था।

उन्होंने कहा, कंपनियां अब भी इस पर काम कर रही हैं इसलिये काम भी चल रहा है लेकिन एमसीसी ने नियमों में इस तरह के उपकरण (टीथर वाली बेल्स) को अनुमति दे दी है। इसके बाद इसके इस्तेमाल की अनुमति देना संचालन संस्था पर निर्भर करता है।

नियम 8.3.4 के अनुसार अब, खिलाडि़यों की सुरक्षा के लिये ऐसे उपकरण को रखने की अनुमति दी जाती है जिससे स्टंप से बेल्स गिरने के समय इसकी दूरी सीमित हो जायेगी लेकिन मैच के लिये इसकी मंजूरी संचालन संस्था और मैदानी अधिकारियों पर निर्भर करेगी।

एजेंसी

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