बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में लगातार संघर्ष करने वाले कप्तान रोहित शर्मा और प्रमुख बल्लेबाज विराट कोहली की फार्म पर सवाल खड़े हो गए हैं। भारत में यह चर्चा है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली को अब टेस्ट क्रिकेट छोड़ देना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया से करारी हार मिलने के बाद अब मुख्य कोच गौतम गंभीर ने भविष्य का प्लान साझा किया है।
टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने सिडनी टेस्ट मैच में हारने के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "संघर्ष कर रहे रोहित शर्मा विराट कोहली में अब भी टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की भूख है। मुझे यकीन है कि वह टीम के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए टेस्ट क्रिकेट में अपने भविष्य पर खुद ही फैसला करेंगे।"
गौरतलब है कि गंभीर की यह टिप्पणी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारत की एक तीन से सीरीज हार के बाद आई है।
ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी में पांचवा और आखिरी टेस्ट जीतने के साथ ही 10 साल बाद बॉर्डर का उसका ट्रॉफी पर कब्जा किया। इसी के साथ भारत अब विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से भी बाहर हो गया है।
गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "वे दोनों कठोर लोग हैं और उनमें अब भी जज्बा है। वे खुद तय करेंगे कि भारतीय क्रिकेट के लिए क्या सर्वश्रेष्ठ है। ड्रेसिंग रूम को खुश रखने के लिए मुझे सभी के प्रति ईमानदार और निष्पक्ष रहना होगा। इस मैच से पहले रोहित शर्मा ने शीर्ष स्तर पर अपनी जवाबदेही दिखाई।"
बता दें कि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने लंबे समय से खराब फार्म से जूझने के बाद सिडनी टेस्ट से खुद को आराम दिया था। इस मैच में जसप्रीत बुमराह कप्तानी कर रहे थे। सीरीज में भारत ने जो एकमात्र मैच पर्थ में जीता था, उसमें भी बुमराह ने ही कप्तानी की थी।
रोहित शर्मा के अलावा विराट कोहली के लिए भी साल 2024 अच्छा नहीं रहा। उन्होंने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की सीरीज के दौरान सिर्फ एक शतक लगाया और प्रशंसकों को निराश किया। कोहली पूरी सीरीज में संघर्ष करते दिखे और आठ बार स्लिप में कैच आउट हुए।
गंभीर ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह सभी खिलाड़ियों को रणजी क्रिकेट खेलते हुए देखना चाहते हैं। माना जा रहा है कि यह टिप्पणी कहीं ना कहीं वरिष्ठ खिलाड़ियों के लिए आई है, जो रणजी ट्रॉफी खेलने से खुद को दूर रखते हैं।
उन्होंने कहा, "मैं हमेशा चाहूंगा कि हर कोई घरेलू क्रिकेट खेले। सिर्फ एक खेल नहीं, अगर वे उपलब्ध हैं और उनमें लाल गेंद क्रिकेट खेलने की प्रतिबद्धता है, तो हर किसी को घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए। यह जितना आसान हो सकता है, अगर आप घरेलू क्रिकेट को महत्व नहीं देते हैं, तो आप टेस्ट क्रिकेट में कभी भी वांछित परिणाम नहीं प्राप्त कर पाएंगे।"
बता दें कि अब भारत की अगली टेस्ट श्रृंखला जून में इंग्लैंड के खिलाफ है। विदेशी धरती पर होने वाली इस सीरीज से पहले भारत के पास कई महीने है, जिसमें उसे विशेष रूप से मंथन करना होगा टीम संयोजन और रणनीति को लेकर।