पहले मैच में मिली हार के बाद अपनी गलतियों से सबक लेते हुए भारत के मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने इस मैच में बेहतर प्रदर्शन किया। कुमार संगकारा के इस विदाई मैच में राहुल ने 108, कोहली ने 78 और पांचवें नंबर पर उतरे रोहित ने 79 रन का योगदान दिया।
भारत ने एक समय 12 रन पर दो विकेट गंवा दिए थे लेकिन राहुल ने कप्तान विराट कोहली के साथ तीसरे विकेट के लिए 164 रन जोड़े। कोहली 107 गेंद में आठ चौकों और एक छक्के की मदद से 78 रन बनाकर आउट हुए। इससे पहले धम्मिका प्रसाद ने सुबह के सत्र में दो विकेट लेकर भारत को अच्छी शुरुआत से वंचित कर दिया। भारत ने सलामी बल्लेबाज मुरली विजय (0) और अजिंक्य रहाणे (4) के विकेट उस समय गंवा दिए जब स्कोर बोर्ड पर महज 12 रन टंगे थे। रहाणे तीसरे नंबर पर उतरे जबकि पिछले तीन टेस्ट में रोहित इस क्रम पर उतर रहे थे।
चोट के कारण पहले टेस्ट से बाहर रहे विजय की वापसी अच्छी नहीं रही। वह प्रसाद की चौथी ही गेंद पर पगबाधा आउट हो गए। अजिंक्य रहाणे तीसरे नंबर पर नाकाम रहे और पांचवें ओवर में प्रसाद की गेंद पर तीसरी स्लिप में कैच थमा बैठे। जेहान मुबारक यदि दुष्मंता चामीरा के पहले ओवर में गली में राहुल का कैच लपक लेते तो भारत की स्थिति और खराब हो सकती थी। दूसरे छोर पर कोहली आकर्षक स्टोक्स खेल रहे थे और उन्होंने बेहतरीन फुटवर्क का भी नमूना पेश किया। लंच के बाद कोहली और राहुल ने पारी को आगे बढाया। कप्तान ने अपना 11वां टेस्ट अर्धशतक 63 गेंद में पूरा किया। भारत के 100 रन भी इसी दौरान 28वें ओवर में बने। ब्रेक के बाद रनगति को बढ़ाने का सिलसिला राहुल ने जारी रखा जबकि कोहली उनका सहयोग कर रहे थे। राहुल ने पहला टेस्ट अर्धशतक 94 गेंद में पूरा किया। दोनों की 100 रन की साझदारी 29वें ओवर में पूरी हुई।
कोहली ने दुष्मंता चामीरा को दो चौके लगाकर दबाव हटाया और वह आक्रामक खेलने की तैयारी में लग रहे थे। इसी बीच रंगाना हेराथ की गेंद पर एंजेलो मैथ्यूज ने डाइव लगाकर उनका बेहतरीन कैच लपका और उनकी पारी का अंत किया। राहुल ने अपनी पारी में 190 गेंदों का सामना करके 13 चौके और एक छक्का लगाया। वहीं कोहली 12वां टेस्ट शतक लगाने से चूक गए। उन्होंने 107 गेंद की अपनी पारी में आठ चौके और एक छक्का लगाया।
रोहित ने भी 79 रन की पारी खेली लेकिन शतक की ओर बढ़ने के बाद वह आखिर के ओवरों में विकेट गंवा बैठे। खराब फार्म से जूझ रहे रोहित ने हालांकि टीम प्रबंधन के भरोसे पर खरा उतरने की पूरी कोशिश की। गाले में 63 रन से मिली पराजय में वह दोनों पारियों में नाकाम रहे थे जिससे उनकी उपयोगिता पर सवाल उठने लगे थे।