शानदार फॉर्म में चल रहे जो रूट शुक्रवार को आस्ट्रेलिया के दिग्गज रिकी पोंटिंग के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए और इंग्लैंड के इस बल्लेबाज से ऊपर अब बस सचिन तेंदुलकर हैं। सचिन, इस सूची में शीर्ष पर बने हुए हैं।
भारत के खिलाफ चौथे टेस्ट के तीसरे दिन रूट ने पहले तो आठ गेंदों में महान भारतीय राहुल द्रविड़ और दक्षिण अफ्रीका के महान बल्लेबाज जैक कैलिस के रनों के कुल योग को पीछे छोड़ा और फिर पोंटिंग को पीछे छोड़ते हुए गेंद को प्वाइंट के पीछे एक रन के लिए भेज दिया, जिसके बाद ओल्ड ट्रैफर्ड में मौजूद दर्शकों ने खड़े होकर उनका स्वागत किया।
पोंटिंग ने 168 मैचों में 51.85 की औसत से 13378 रन बनाए थे, जबकि तेंदुलकर 15921 रनों के साथ शीर्ष पर हैं।
यह बिलकुल सही था कि जब रूट पोंटिंग के पास से गुज़रे तो वे कमेंट्री बॉक्स में थे। 34 वर्षीय रूट ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 2012 में इंग्लैंड के भारत दौरे पर नागपुर में 73 रनों की पारी के साथ की थी।
रवि शास्त्री के साथ कमेंट्री कर रहे पोंटिंग ने यॉर्कशायर के इस खिलाड़ी की सराहना करते हुए कहा, "बधाई हो, जो रूट। शानदार।"
रूट अपना 157वां टेस्ट खेल रहे हैं। यह एक अद्भुत नजारा था, जब इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स, जो मैदान पर मौजूद थे, ने रूट के हेलमेट उतारने से पहले ही अपना बल्ला उठा लिया और दर्शकों तथा खिलाड़ियों की तालियों का स्वागत किया।
इससे पहले, रूट ने एशियाई दिग्गजों के खिलाफ अपने 12वें शतक के साथ भारत के खिलाफ सर्वाधिक टेस्ट शतकों का रिकॉर्ड तोड़कर इतिहास रच दिया, जिनके खिलाफ उन्होंने अब तक 34 टेस्ट मैच खेले हैं।
रूट ने पिछले सप्ताह लॉर्ड्स में भारत-इंग्लैंड के बीच खेले गए तीसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में शतक (199 गेंदों पर 104 रन) बनाकर ऑस्ट्रेलियाई स्टीव स्मिथ के रिकॉर्ड (11 शतक) की बराबरी की थी।
कुल मिलाकर, ओल्ड ट्रैफर्ड में लगाया गया शतक लाल गेंद के प्रारूप में उनका 38वां शतक था, क्योंकि वह खेल के सबसे लंबे प्रारूप में शतक लगाने वालों की सूची में श्रीलंका के पूर्व स्टार कुमार संगकारा के साथ चौथे स्थान पर आ गए।
शतकों की सूची में तेंदुलकर (51), जैक्स कैलिस (45) और पोंटिंग (41) उनसे आगे हैं।