पहली पारी में पांच विकेट चटकाने वाले शमी ने दूसरी पारी में भी 82 रन देकर दो विकेट चटकाए। कामचलाऊ तेज गेंदबाज विवेक सिंह ने कहर बरपाते हुए 32 रन देकर पांच विकेट हासिल किए जिससे भवानीपुर क्लब की टीम 48 . 3 ओवर में 199 रन पर ढेर हो गई। मोहन बागान ने इस तरह बंगाल क्रिकेट संघ का सुपर लीग फाइनल जीत लिया जिसे गुलाबी कूकाबूरा गेंद से दूधिया रोशनी में खेला गया ताकि अक्तूबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के प्रस्तावित पहले दिन-रात्रि टेस्ट के लिए ईडन की तैयारी को परखा जा सके।
मैन आफ द मैच शमी ने मैच के बाद कहा, मैं किसी भी दिन गुलाबी गेंद को प्राथमिकता दूंगा, उम्मीद करता हूं कि गुलाबी गेंद के मैचों को बढ़ावा मिलेगा। सर्वश्रेष्ठ चीज यह है कि आपको धूप में सिर्फ एक सत्र गेंदबाजी करनी होती है। इसके बाद दूधिया रोशनी में गेंद मूव होने लगती है।
उन्होंने कहा, मुझे पहली पारी में रिवर्स स्विंग मिली। मुझे लगता है कि अगर परिस्थितियां शुष्क होंगी तो गेंद रिवर्स स्विंग करेगी। आम तौर पर 40 ओवर के बाद सीम बरकरार नहीं रहती लेकिन गुलाबी गेंद के साथ ऐसा नहीं है। भवानीपुर की टीम छह विकेट पर 132 रन से आगे खेलने उतरी और अंतिम दिन टीम की पारी आधे घंटे के भीतर सिमट गई। विवेक ने रविकांत सिंह को विकेटकीपर के हाथों कैच कराके पारी का अंत किया। घुटने के आपरेशन से उबरने वाले शमी की नजरें अब वेस्टइंडीज के खिलाफ चार टेस्ट की श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में वापसी पर टिकी हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी लय वापस हासिल करने पर काम कर रहा हूं और लंबे स्पैल फेंकना चाहता हूं। लेकिन 15 ओवर के बाद मैंने ब्रेक लेने की सोची जिससे कि अन्य को भी गुलाबी गेंद से गेंदबाजी करने का मौका मिले। शमी ने कहा, अब मैं पहले की तरह महसूस कर रहा हूं। चोट के दौरान का समय मेरे करियर का सबसे बदतर हिस्सा था। मैं अपनी पत्नी के साथ अकेला था और तीन महीने तक बिस्तर पर रहा। दो महीने चलने में लगे। इसके बाद धीरे धीरे मैंने एनसीए में फिटनेस वापस हासिल की।