भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पर सुप्रीम कोर्ट की नकेल और अध्यक्ष पद का चुनाव कराने के आदेश के बीच नए अध्यक्ष के तौर पर पूर्व ऑफ स्पिनर एवं अंतरिम अध्यक्ष शिवलाल यादव का पूर्णकालिक अध्यक्ष बनने की चर्चा तेज हो गई है। आईपीएल स्पॉर्ट फिक्सिंग मामले के कारण कई बार स्थगित बोर्ड की बहु प्रतीक्षित वार्षिक आम बैठक (एजीएम) अब 2 मार्च को निर्धारित की गई है। हालांकि 8 फरवरी को कार्यकारिणी की आपात बैठक में दरकिनार किए गए श्रीनिवासन भी मौजूद थे।
आपात बैठक में पूर्व क्रिकेटरों के लिए मासिक मानद राशि भी 50 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया गया। क्रिकेटरों को अधिकतम 50 हजार रुपये मासिक मानद दिए जाने का फैसला इस साल जनवरी से प्रभावी होगा।
इस बीच, चेन्नई में आयोजित श्रीनिवासन ने एक निजी कार्यक्रम में स्पष्ट किया कि वह नए अध्यक्ष के पद पर शिवलाल यादव को देखना चाहते हैं जिन्हें बंगाल, असम, झारखंड, ओडिशा और त्रिपुरा की पूर्वी क्षेत्र इकाइयों का समर्थन प्राप्त है। इन्हीं में से पूर्वी क्षेत्र की एक इकाई के एक सदस्य ने बताया, ‘हम श्रीनिवासन के साथ लंबे समय से जुड़े हुए हैं और यदि वह शिवलाल को समर्थन देना चाहते हैं तो हम भी उनका साथ देंगे।’ दरअसल सुप्रीम कोर्ट से श्रीनिवासन के प्रतिबंधित किए जाने के बाद अध्यक्ष बनने की मंशा रखने वाले जगमोहन डालमिया भी अब इस दौड़ से बाहर निकलना चाहते हैं। जाहिर है कि यदि चुनाव नहीं होते हैं तो पूर्व टेस्ट क्रिकेटर शिवलाल यादव द्वारा यह प्रतिष्ठित पद संभालने का रास्ता साफ हो जाएगा।
उधर, बीसीसीआई के सूत्रों ने बताया कि बोर्ड के सदस्य आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में याचिका दाखिल करने वाले बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव आदित्य वर्मा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। इसके अलावा बोर्ड में उन्हें सहयोग देने वाले अन्य सदस्यों (शरद पवार, शशांक मनोहर, आई. एस. बिद्रा और पूर्व अध्यक्ष ए. सी. मुथैया) के खिलाफ भी कार्रवाई करने के संकेत मिल रहे हैं। समझा जाता है कि श्रीनिवासन ने वर्मा के वित्तीय स्रोत की जानकारी पाने की जरूरत पर भी जोर दिया है। वैसे वर्मा भाजपा का समर्थन पाने की अफवाह उड़ाने के लिए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली से वित्तीय सहायता मिलने का दावा कर रहे हैं।