आईसीसी ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए सेमीफाइनल और फाइनल मैच के नतीजों को तय करने के लिए बाउंड्री काउंट के नियम को समाप्त कर दिया है। आईसीसी ने इस नियम को खत्म करने के बाद तय किया है कि ऐसे मुकाबले में तब तक सुपर ओवर खेला जाएगा, जब तक रनों के आधार पर पूरा फैसला नहीं आ जाता।
जमकर हुई थी आलोचना
इससे पहले इस साल इंग्लैंड में हुए वर्ल्ड कप के बाद आईसीसी की उस वक्त जमकर आलोचना हुई थी जब इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच हुए फाइनल का फैसला बाउंड्री काउंट नियम से हुआ थी। इस मैच में निर्धारित 50-50 ओवरों तक टीमों का स्कोर टाई रहने के बाद सुपर ओवर भी टाई रहा था और इसके बाद बाउंड्री काउंट नियम के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया था।
पहले यह था नियम
आईसीसी के नियम के मुताबिक अगर किसी नॉकआउट मैच में स्कोर टाई होने के बाद सुपर ओवर में भी दोनों टीमें बराबर स्कोर करती हैं तो फैसला बाउंड्री काउंट नियम से होता था। इसके तहत जिस भी टीम ने पूरे मैच में (सुपर ओवर मिलाकर) सबसे ज्यादा बाउंड्री स्कोर की होंगी, वो विजेता घोषित होती थी।
वर्ल्ड कप 2019 विवाद
वर्ल्ड कप 2019 में इंग्लैंड की पारी के 50वें ओवर का था। मेजबान टीम को तीन गेंदों में नौ रन की दरकार थी, तभी चौथी गेंद पर बेन स्टोक्स ने मिड विकेट की ओर शॉट खेला और तेजी से एक रन लेने के बाद दूसरा रन लेने के लिए भागे। इस दौरान दूसरा रन पूरा करने के वक्त उन्होंने स्ट्राइक एंड की तरफ डाइव लगा दी, तभी गुप्टिल का थ्रो आकर उनके बैट पर लगा और गेंद बाउंड्री पार चली गई। इसके बाद अंपायर ने आपस में बातचीत करने के बाद इंग्लैंड को छह रन दे दिए। इस तरह जहां सिर्फ दो रन होने चाहिए थे, वहां इंग्लैंड को चार रन और अतिरिक्त मिल गए यानी कुल मिलाकर इंग्लैंड के खाते में छह रन जुड़ गए। अब इंग्लैंड को आखिरी दो गेंदों में जीत के लिए सिर्फ तीन रन की दरकार थी, जो कि मैच का टर्निंग प्वाइंट बन गया।
सुपर ओवर से हुआ था फैसला
न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 241 रन बनाए थे। लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की पूरी टीम आखिरी गेंद पर 241 रन पर ऑल आउट हो गई। मैच टाई रहा और फिर फैसला सुपर ओवर से हुआ। सुपर ओवर के नियम के तहत जिस टीम ने दूसरी पारी में बल्लेबाजी की, उसे ही पहले बल्लेबाजी करने का मौका मिलता है।