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कोहली ने भावनाओं को बल्लेबाजी पर हावी कर दिया: गांगुली

पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कड़ी टेस्ट श्रृंखला के दौरान विराट कोहली की बल्लेबाजी उनकी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं के कारण प्रभावित हुई लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय कप्तान शांत हो जाएगा और एक बार फिर बड़ी पारियां खेलेगा।
कोहली ने भावनाओं को बल्लेबाजी पर हावी कर दिया: गांगुली

गांगुली ने कहा कि कप्तान के रूप में किसी भी कीमत पर जीत दर्ज करने की कोहली की इच्छा के कारण उन्होंने ये प्रतिक्रियाएं दी।

गांगुली ने आईसीसी की वेबसाइट के लिए विशेष कालम में लिखा, संभवत: कप्तान के रूप में जीत दर्ज करने को लेकर वह :कोहली: इतना आतुर था कि उसने अपनी भावनाओं को बल्लेबाजी को प्रभावित करने दिया। यह विराट के लिए सबक भी होगा। वह इतनी बेशकीमती प्रतिभा है, उम्मीद करता हूं कि वह शांत हो जाएगा और एक बार फिर बड़ी पारियां खेलने लगेगा।

भारत ने घरेलू श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया को 2-। से हराया जो हाल के समय की सबसे कड़ी और विवादों से भरी श्रृंखला थी। श्रृंखला के दौरान विरोधी कप्तान कोहली और स्टीव स्मिथ लगातार विवादों में रहे।

श्रृंखला से पहले कोहली बेहतरीन फार्म में थे और वह लगातार चार श्रृंखलाओं में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी बने थे। बल्लेबाज ने मौजूदा सत्र के 13 मैचों में 1457 रन बनाए।

लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वह बुरी तरह विफल रहे और तीन मैचों की पांच पारियों में 0, 13, 12, 15 और 6 रन के स्कोर के साथ सिर्फ 46 रन बना सके। वह कंधे की चोट के कारण चौथे और अंतिम टेस्ट में नहीं खेल पाए।

भारत के सबसे सफल कप्तानों में एक माने जाने वाले गांगुली ने कोहली को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में शामिल किया और उन्हें जुनूनी कप्तान करार दिया। गांगुली ने कहा, मेरे लिए दो विराट हैं। एक बल्लेबाज और एक कप्तान।

उन्होंने कहा, बल्लेबाज निश्चित तौर पर दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में एक है क्योंकि उसने फिटनेस और बड़ा स्कोर बनाने की भूख के मामले में अपने लिए उंचे मानक तय किए हैं। कप्तान अधिक जुनूनी है। वह जीतना चाहता है और रोज जीतना चाहता है और यह हमेशा संभव नहीं है, मैं विराट को नंबर एक से कम पर समझौता करते हुए नहीं देखता।

पूर्व भारतीय कप्तान गांगुली को खुशी है कि लोकेश राहुल, रविंद्र जडेजा और उमेश यादव केे अंदर आत्मविश्वास बढ़ा है और अब वे कोहली तथा रविचंद्रन अश्विन की बराबरी कर रहे हैं। गांंगुली ने चेतेश्वर पुजारा को एेसा बल्लेबाज करार दिया जो विदेशों में भारत की सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण होगा।

गांगुली ने कहा, नतीजों से अधिक मैंने यात्रा का लुत्फ उठाया, यह देखकर कि कैसे लोकेश राहुल, रविंद्र जडेजा और उमेश यादव का आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने दो चैम्पियन विराट और रविचंद्रन अश्विन की बराबरी की।

उन्होंने कहा, लेकिन जो सबसे अलग रहा वह चेतेश्वर पुजारा था। मुझे याद है जब पिछले साल वेस्टइंडीज में टेस्ट से उसे बाहर किया गया था, मैंने कहा था कि पुजारा विशेष बल्लेबाज है और उसे बाहर नहीं किया जाना चाहिए। इस सत्र में उसके बल्ले से 1316 रन बने और जब भारत उपमहाद्वीप के बाहर यात्रा करना शुरू करेगा तो विराट के लिए वह सबसे महत्वपूर्ण होंगे।

गांगुली ने कहा कि मौजूदा भारतीय टीम में दुनिया में कहीं भी जीत दर्ज करने की क्षमता है।

उन्होंने कहा, और पिछले 13 घरेलू टेस्ट देखने के बाद, मैं उम्मीद करता हूं कि विराट और उनकी टीम में कहीं भी जीत दर्ज करने की क्षमता है- भारत में और बाहर भी।

धर्मशाला टेस्ट के बारे में गांगुली ने लिखा, मैं तीसरे दिन लंच के समय के आसपास घर में बैठा था जब ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी शुरू की। उन्होंने कहा, अगले लगभग एक घंटे में मैंने दो भारतीय उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार द्वारा शानदार तेज गेंदबाजी देखी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को जैसे ध्वस्त किया, मैं विराट के लिए बेहद खुश हूं।

गांगुली ने कहा, यह यादगार जीत उन हालात में मिली जो भारतीयों से अधिक ऑस्ट्रेलिया के अनुकूल थी।

गांगुली ने साथ ही कहा कि मुख्य कोच अनिल कुंबले ने घरेलू सत्र में भारत की सफलता में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने साथ ही पुणे में पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ के शतक को मेहमान टीम के बल्लेबाजों की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक में शामिल किया जो उन्होंने देखी हैं। भाषा

 

 

 

 

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