बीसीसीआई ने श्रीलंका के खिलाफ आगामी वन-डे सीरीज और एकमात्र टी-20 मैच के लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया है। इस बार टीम में युवराज सिंह और सुरेश रैना को शामिल नहीं किया गया है। दोनों खिलाड़ियों को टीम इंडिया में शामिल नहीं करने की असली वजह अब सामने आई है। बताया जा रहा है कि दोनों खिलाड़ियों को प्रदर्शन नहीं बल्कि एक टेस्ट में फेल होने के कारण टीम में जगह नहीं मिल पाई।
'यो-यो' टेस्ट महत्वपूर्ण
समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, इन दोनों खिलाड़ियों का राष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) में 'यो-यो' टेस्ट में पास नहीं होना टीम से बाहर होने की प्रमुख वजह रही। टीम इंडिया को नियमित तौर पर कई तरह के फिटनेस टेस्ट से गुजरना पड़ता है। इनमें 'यो-यो' टेस्ट सबसे महत्वपूर्ण है। इसी कारण मौजूदा भारतीय टीम को सबसे फिट टीम माना जाता है। लेकिन टीम इंडिया के ये दोनों शीर्ष खिलाड़ी नेशनल क्रिकेट अकेडमी में यो-यो एंडुरेंस टेस्ट पास करने में असमर्थ रहे। यो-यो टेस्ट खिलाड़ियों की फिटनेस परखने के लिए पुराने 'बीप' टेस्ट का एडवांस वर्जन है।
बीसीसीआई ने पीटीआई को बताया कि युवराज सिंह और सुरेश रैना का चयन न होने के पीछे की वजह उनका प्रदर्शन नहीं बल्कि फिटनेस टेस्ट में फेल होना है। बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार ये दोनों ही खिलाड़ी राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में कराये गए 'यो-यो बीप टेस्ट' को पास नहीं कर पाए और इसी वजह से दोनों का नाम अंतिम 11 में शामिल नहीं किया गया।
फिटनेस से कोई समझौता नहीं
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई से बातचीत में कहा, औसतन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी यो-यो टेस्ट में 21 का स्कोर करते हैं। टीम इंडिया में विराट, रवींद्र जाडेजा, मनीष पांडे लगातार यह स्कोर हासिल कर रहे हैं, जबकि बाकी खिलाड़ियों का स्कोर या तो 19.5 है या उससे ज्यादा।
अधिकारियों ने आगे बताया कि 'यो यो' टेस्ट में हर खिलाड़ी को कम से कम 19.5 या इससे ज्यादा अंक हासिल करने होते हैं लेकिन, युवराज और रैना दोनों ही इससे काफी कम अंक हासिल कर सके। इस मामले पर बीसीसीआई के एक अन्य अधिकारी का कहना था, "2019 विश्वकप को देखते हुए कोच रवि शास्त्री, कप्तान विराट कोहली और चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद किसी तरह की कोताही बरतने के मूड में नहीं हैं. इन तीनों ने बोर्ड से भी साफ़ कह दिया है कि कितना भी बड़ा नाम क्यों न हो उसकी फिटनेस से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।"
क्या है 'यो-यो टेस्ट'
खिलाड़ियों की फिटनेस परखने के लिए यो-यो टेस्ट 'बीप' टेस्ट का एडवांस वर्जन है। 20-20 मीटर की दूरी पर दो लाइनें बनाकर कोन रख दिए जाते हैं। एक छोर की लाइन पर खिलाड़ी का पैर पीछे की ओर होता है और वह दूसरी की तरफ वह दौड़ना शुरू करता है। हर मिनट के बाद गति और बढ़ानी होती है और अगर खिलाड़ी वक्त पर लाइन तक नहीं पहुंच पाता तो उसे दो बीप्स के भीतर लाइन तक पहुंचना होता है। अगर वह एेसा करने में नाकाम होता है तो उसे फेल माना जाता है।