एआईटीए महासचिव हिरण्यमय चटर्जी ने कहा , हर किसी को कप्तान बनने का मौका मिलना चाहिये। कोई पद किसी एक व्यक्ति के साथ हमेशा नहीं रहता। मैने महेश से बात की और पूछा कि क्या वह उपलब्ध है। उसने हां कहा। हम आनंद को विदाई मुकाबला देना चाहते थे।
यह पूछने पर कि अमृतराज इस फैसले से खुश हैं, चटर्जी ने कहा, कोई जाना नहीं चाहता। लेकिन हर किसी को कप्तान बनने का मौका मिलना चाहिये।
यह पूछने पर कि क्या खिलाडि़यों से इस बारे मे पूछा गया था , उन्होंने कहा , यह उन्हें तय नहीं करना है। हमें खिलाडि़यों से सलाह मशविरा नहीं करना चाहते। लिएंडर पेस से भी नहीं पूछा गया।
लिएंडर और महेश के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के इतिहास के बारे में पूछने और क्या भूपति को कप्तानी दिये जाने से पेस के लिये आगे की राह खत्म हो गयी तो चटर्जी ने कहा, जब समय आयेगा तो हम इस पर फैसला कर लेंगे।
जहां तक अनुशासन की बात है तो अमृतराज द्वारा खिलाडि़यों को दी गयी ढील के साथ मीडिया में उनके विचार भी एक मुद्दा था तो एआईटीए के शीर्ष अधिकारी ने इससे इनकार नहीं किया।
अमृतराज के बारे में उन्होंने कहा, जब एक समिति की बैठक होती है तो इसमें काफी चीजों पर चर्चा होती है। लेकिन मैं बता दूं कि हमें खिलाडि़यों से समर्थन के बारे में कोई पत्र नहीं मिला।
चटर्जी ने यह भी कहा कि सोमदेव देववर्मन या रमेश कृष्णन से कोच और गैर खिलाड़ी कप्तान की भूमिका के संबंध में कोई पत्र नहीं मिला। चटर्जी ने यह भी कहा कि भूपति ने किसी भी तरह की खास मांग नहीं रखी। उन्होंने कहा, उन्होंने किसी भी चीज की मांग नहीं रखी और इस काम के लिये हामी भर दी। जहां तक पारिश्रमिक का संबंध है तो उन्हें डेविस कप के लिये दिये जाने वाले हमारे भुगतान के अनुरूप ही मेहनताना दिया जायेगा।
भाषा