अब सरकारी स्कूल के बच्चों को विभिन्न खेलों की निशुल्क कोचिंग मिलेगी। इसे देंगे निजी क्लब, अकादमी और कोचिंग संस्थान। बदले में संस्थानों को सरकारी स्कूलों का मैदान इस्तेमाल करने की छूट मिलेगी। इससे जहां बच्चों में खेल प्रतिभाओं का विकास होगा तो चैंपियन वगैरा भी दिल्ली से निकल सकेंगे।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कांफ्रेस में बताया कि एक महीने में सभी स्कूलों में स्पोटर्स क्लब , अकादमी और स्पोटर्स कोचिंग से 29 जनवरी तक आवेदन लिए जाएंगे। यह निजी क्लब या कोचिंग संस्थान बदले में 50 फीसदी बच्चों से पैसा ले सकेंगे लेकिन 50 फीसदी सरकारी स्कूल के बच्चों को कोचिंग देना जरूरी होगा। आगामी समय में बड़े पैमाने पर इस सहूलियत का इस्तेमाल किया जा सकेगा। योजना के तहत इसमें कुल 31 खेलों की कोचिंग दी जाएगी जबकि पहले यह 15 खेलों तक थी। इसमें एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, क्रिकेट, जूडो, कबड्डी, खो-खो, तायक्वांडो, सॉफ्ट बॉल, साइकिलिंग, रॉक्स कीपिंग जैसे खेल शामिल होंगे। इससे दिल्ली में खेलों के लिए माहौल बनेगा।
उन्होंने बताया कि असल में यह योजना डेढ साल से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चल रही थी जिसकी कामयाबी के बाद इसे पूरी तरह दिल्ली के बच्चों और खेल प्रतिभा के विकास के लिए लाया जा रहा है। तब 50-55 स्कूलों के आवेदन आये थे, उनमे से 27 स्कूलों ने काफी बढ़िया परफॉरमेंस किया जिसके बाद यह तय हुआ कि दिल्ली के हर स्कूल में यह योजना लागू की जाएगी। स्पोर्ट्स अकादमी तथा अन्य संस्थानों सरकारी स्कूलों के मैदान पर 50 फीसदी सरकारी स्कूलों के बच्चों को निशुल्क खेल की ट्रेनिंग देंगे। इसमें एक्सपीरियंस वाले लोगो को ज्यादा तवज्जो दी जाएगी। इसके अलावा शाम के समय अभिभावक भी बच्चों के देख सकते हैं लेकिन वह तय जगह पर रूकेंगे। अकादमी को स्टोरेज की सुविधा भी दी जाएगी। निजी संस्थान हर तीन माह में बच्चों के रजिट्रेशन की रिपोर्ट देंगे।