रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता पीवी सिंधू विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में जापान की खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा से हार गई। दोनों खिलाड़ियों के बीच तीनों सेटों में कड़ा मुकाबला देखने को मिला।
सिंधु पहली बार वर्ल्ड बैडमिंटन के फ़ाइनल में पहुंची थी, इस हार के बाद उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के इतिहास ये पहली बार है जब भारतीय खिलाड़ियों ने दो पदक अपने नाम किए हैं। साइना नेहवाल को कांस्य पदक मिला है।
दुनिया की चौथे नंबर की भारतीय खिलाड़ी सिंधू को एक घंटा और 50 मिनट चले मुकाबले में दुनिया की 12वें नंबर की खिलाड़ी और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता ओकुहारा के खिलाफ 19-21, 22-20, 20-22 से हार झेलनी पड़ी। ओकुहारा ने इससे पहले सेमीफाइन में भारत की साइना नेहवाल को हराया था। ओकुहारा जापान के लिए विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला हैं। सिंधु ने इससे पहले महिला एकल वर्ग के सेमीफाइनल में चीन की खिलाड़ी चेन युफेई को 48 मिनटों के भीतर सीधे गेमों में 21-13, 21-10 से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया था।
सिंधू इस टूर्नामेंट में रजत जीतने वाली भारत की दूसरी शटलर हैं। इससे पहले साइना नेहवाल ने साल 2015 में जकार्ता में हुई विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। वहीं सिंधू का ये वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में तीसरा पदक है। इससे पहले सिंधु 2013 और 2014 में कांस्य पदक जीत चुकी हैं। साल 2013 में सिंधू वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली महिला भारतीय शटलर बनी थीं।
यह विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के इतिहास में भारत का कुल सातवां पदक है। गौरतलब है कि प्रकाश पादुकोण साल 1983 में विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के पुरूष एकल में कांस्य पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे। इसके बाद ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की भारतीय महिला युगल जोड़ी ने 2011 में कांस्य पदक अपने नाम किया था।