भारतीय क्रिकेट में एक बार फिर से सोमवार को मैच फिक्सिंग की वजह से उथल-पुथल मच गई है। पहली बार एक भारतीय महिला क्रिकेटर से भ्रष्ट इरादों के साथ संपर्क करने की सूचना मिली है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की एक सदस्य से इस साल की शुरुआत में कथित रूप से मैच फिक्स करने के लिए संपर्क किया गया था। यह मामला फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवरों की घरेलू सीरीज के पहले हुआ था और उस खिलाड़ी ने इसकी बीसीसीआई के एंटी करप्शन यूनिट को इसकी जानकारी दी थी।
बीसीसीआई ने दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई
बीसीसीआई की एंटी करप्शन यूनिट ने कथित रूप में फिक्सिंग की एप्रोच के लिए बेंगलुरु पुलिस में राकेश बाफना और जितेंद्र कोठारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में इन दोनों के खिलाफ धारा 420 समेत चार धाराओं में केस दर्ज किया गया है। बीसीसीआई के एंटी करप्शन यूनिट के प्रमुख अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि भारतीय क्रिकेटर और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर है, इसलिए आईसीसी ने इस मामले में जांच की।
बातचीत की रिकॉर्डिंग भी है मौजूद
उन्होने कहा कि बेंगलुरु में हमने इन दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इन्होंने एक भारतीय महिला क्रिकेटर से फिक्सिंग के लिए संपर्क किया था। उस खिलाड़ी ने इनमें से एक के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी मुहैया कराई है। हमने उस जांच का पालन किया और यह उससे कहीं अधिक था। अगर हम उस व्यक्ति को चेतावनी के साथ छोड़ देते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
एनसीए में किया था संपर्क
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्पोर्ट्स मैनेजर के तौर पर कोठारी पिछले साल से इस खिलाड़ी के संपर्क में था। फरवरी में जब यह खिलाड़ी नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) में रिकवर हो रही थी तब उसने बाफना के साथ इस खिलाड़ी की मुलाकात कराई। उसने महिला क्रिकेटर से मैच फिक्स करने और स्क्रिप्ट के अनुसार खेलने के लिए संपर्क किया था।
यह घटना भारतीय महिला क्रिकेट के लिए आंखें खोलने वाली है। भारतीय पुरुष खिलाड़ियों की तुलना में महिला खिलाड़ियों से आसानी से संपर्क किया जा सकता है। सट्टेबाजों को दांव लगाने के लिए कोई भी मैच चलता है और यदि उस मैच का प्रसारण हो रहा हो तो यह उनके लिए ज्यादा लाभदायक होता है।