ब्रिटेन से प्रत्यर्पित कर भारत लाए गए 2000 मैच फिक्सिंग मामले के मुख्य आरोपी और सट्टेबाज संजीव चावला को गुरुवार को दिल्ली की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने पूछताछ के लिए चावला को 12 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। इससे पहले क्राइम ब्रांच पुलिस ने 14 दिन की हिरासत की मांग की थी।
इससे पहले गुरुवार सुबह दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम करीब 19 साल बाद संजीव चावला को प्रत्यर्पित कर भारत लाई। संजीव चावला को पूर्व दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर हांसी क्रोन्ये के साथ हुए मैच फिक्सिंग मामले का मास्टरमाइंड माना जाता है।
कई भारतीय और इंटरनेशनल क्रिकेटरों से संबंध थे
हांसी क्रोन्ये की प्लेन दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया था कि ब्रिटिश नागरिक संजीव चावला के भारतीय क्रिकेटरों समेत कई इंटरनेशनल क्रिकेटरों से संबंध थे। लंदन में चार मोंक विले एवेन्यू स्थित उनके बंगले पर कई भारतीय क्रिकेटरों का नियमित रूप से आना जाना था। चावला के कॉल डाटा रिकॉर्ड्स (सीडीआर) में कई भारतीय खिलाड़ियों के नंबर भी मिले हैं। इनके बीच जनवरी से मार्च 2000 के बीच कई बार बातें हुई हैं। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डीएसपी डॉ. जी राम गोपाल नाइक की टीम दो-तीन दिनों की कानूनी प्रक्रिया के बाद गुरुवार सुबह संजीव चावला को लेकर भारत पहुंची। अब उससे यहां पूछताछ की जाएगी।
कई क्रिकेटरों को मोटी रकम भी प्रदान की थी
चावला को स्कॉटलैंड यार्ड ने इंग्लिश क्रिकेटरों से जुड़े एक अन्य सट्टेबाजी प्रकरण में साल 2001 में गिरफ्तार किया था। मैच फिक्सिंग केस ने जब क्रिकेट जगत में तहलका मचाया था तब दिल्ली पुलिस के प्रमुख रहे अजय राज शर्मा ने कहा, मुझे चावला से पूछताछ में होने वाले खुसाले के सामने आने का इंतजार है। ऐसा आरोप है कि संजीव चावला ने मैचों के परिणाम को प्रभावित करने के लिए कई क्रिकेटरों को मोटी रकम भी प्रदान की थी। उनसे पूछताछ से पहले के कई और मैच फिक्सिंग प्रकरण उजागर होने का अनुमान है।
जानिए क्या था 2000 मैच फिक्सिंग मामला:
साल 2000 में 16 फरवरी और 20 मार्च को भारत-दक्षिण अफ्रीका के मैच फिक्स करने के लिए दिल्ली पुलिस ने पूर्व दक्षिण अफ्रीकी कप्तान स्वर्गीय हांसी क्रोन्ये और पांच अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों हर्शल गिब्स और निकी बोए के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिलने पर उनके नाम चार्जशीट से हटा दिए गए थे। हांसी क्रोन्ये के साथ ही सट्टेबाज संजीव चावला, मनमोहन खट्टर, दिल्ली के राजेश कालरा, सुनील दारा और टी सीरीज के मालिक के भाई कृष्ण कुमार को भी आरोपित बनाया गया था। इसके बाद से ही संजीव को भारत लाने का प्रयास किया जा रहा था। मानवाधिकारों का हवाला देकर आरोपित ने यूरोपियन कोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ गत 23 जनवरी को अर्जी लगाई थी जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया था।