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राष्ट्रीय टीम में जगह के लिये जूनियर और सीनियर के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा : श्रीजेश

भारतीय हाकी टीम के कप्तान पीआर श्रीजेश ने कहा कि यह देखकर अच्छा लगता है कि जूनियर और सीनियर खिलाडि़यों के बीच राष्ट्रीय टीम में जगह के लिये स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है।
राष्ट्रीय टीम में जगह के लिये जूनियर और सीनियर के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा : श्रीजेश

नये ओलंपिक चक्र में जूनियर खिलाडि़यों को तवज्जो दी जा रही है। सीनियर खिलाडि़यों को उन्हें निखारने की जिम्मेदारी के अलावा टीम में अपना स्थान बनाये रखने के लिये स्वयं अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है।

श्रीजेश ने राष्ट्रीय शिविर में कहा, यह नयी शुरूआत है और कई युवा खिलाड़ी मुख्य संभावित खिलाडि़यों में जगह बना रहे हैं। सीनियर टीम में जगह बनाने के लिये जूनियर के साथ-साथ सीनियर को भी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना होगा।

उन्होंने कहा, जूनियर खिलाडि़यों को अपने कौशल और मैदानी प्रदर्शन को लगातार बेहतर करने की जरूरत है। उन्हें शिविर में अच्छी तरह से तालमेल बिठाकर साबित करना होगा कि वे उस पोजीशन के लिये उपयोगी हैं और सीनियर खिलाड़ी की जगह लेने के लिये तैयार हैं। जहां तक सीनियर खिलाड़ी की बात है उसे जूनियर की फिटनेस और तेजी दोनों से बराबरी करनी होगी।

श्रीजेश ने कहा, हम जानते हैं कि जूनियर के पास भविष्य है क्योंकि हम 2020 तोक्यो ओलंपिक की तैयारियां कर रहे हैं लेकिन उन्हें टीम में अपनी जगह पक्की नहीं माननी चाहिए। उन्हें इसे हासिल करना होगा।

पिछले साल जूनियर पुरूष विश्व कप जीतने वाली भारतीय जूनियर टीम के खिलाडि़यों का 2016 में प्रदर्शन शानदार रहा और उन्होंने 2017 हाकी इंडिया लीग में अच्छा खेल दिखाया।

लेकिन श्रीजेश का मानना है कि सीनियर टीम में खेल का स्तर पूरी तरह से भिन्न होता है।

उन्होंने कहा, हम जिस व्यवस्था का अनुसरण कर रहे उसको अपनाने, हम कैसे रणनीति बनाते हैं उसे सीखने और उस पर अमल करने के लिहाज से ये छह सप्ताह (राष्ट्रीय शिविर में) उनके लिये बेहद महत्वपूर्ण होंगे। हालांकि उन्होंने जूनियर टीम में रहते हुए हमें करीब से अभ्यास करते हुए देखा है और हम एक ही शिविर में रहते हैं लेकिन हमें अभ्यास करते हुए देखना और व्यवस्था का हिस्सा बनना दोनों पूरी तरह से भिन्न हैं।

श्रीजेश को लगता है कि युवा खिलाडि़यों के पास सरदार सिंह और एसवी सुनील जैसे शीर्ष खिलाडि़यों की जगह लेने का यह शानदार अवसर है। उन्होंने कहा, सरदार सिंह और सुनील जैसे सीनियर खिलाडि़यों ने खेल के प्रति अपने समर्पण का बेजोड़ नमूना दिखाया है और जूनियर खिलाड़ी उनसे काफी कुछ सीख सकते हैं। सीनियर होने के नाते हमारी जूनियर खिलाडि़यों को तैयार करने और यह सुनिश्चित करने की अतिरिक्त जिम्मेदारी होती है कि टीम ने जो लक्ष्य तय किये है उन्हें हासिल करने के लिये वे सही राह पर आगे बढ़ें।

नये सहयोगी स्टाफ के बारे में श्रीजेश ने कहा कि भारतीय टीम के दो पूर्व सदस्यों का शामिल होना टीम के लिये प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा, अर्जुन (हलप्पा), आक्रामक सेंटर फारवर्ड और मिडफील्डर थे जबकि जुगराज सिंह बहुत अच्छे रक्षक और ड्रैग फ्लिक विशेषज्ञ थे। वे जुनून, टीम संस्कृति को जानते हैं और उनके सहयोगी स्टाफ में शामिल होने से काफी फायदा मिलेगा। मैंने इससे पहले एचआईएल में हैंस स्टीडर (विश्लेषणात्मक कोच) के साथ काम किया और वह अच्छे रणनीतिकार हैं।

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