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भारतीय हॉकी टीम के सदस्यों का स्वदेश लौटने पर भव्य स्वागत, कप्तान ने कहा- अभिभूत हूं

ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय पुरूष हॉकी टीम के सदस्यों का शनिवार की सुबह पेरिस से यहां पहुंचने पर...
भारतीय हॉकी टीम के सदस्यों का स्वदेश लौटने पर भव्य स्वागत, कप्तान ने कहा- अभिभूत हूं

ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय पुरूष हॉकी टीम के सदस्यों का शनिवार की सुबह पेरिस से यहां पहुंचने पर सैकड़ों की संख्या में हवाई अड्डे पर मौजूद खेलप्रेमियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

भारतीय टीम बृहस्पतिवार को स्पेन को कांस्य पदक के मुकाबले में 2 . 1 को हराकर हॉकी में 13वां ओलंपिक पदक जीतकर लौटी। भारतीय हॉकी की दीवार गोलकीपर पी आर श्रीजेश पेरिस ओलंपिक के समापन समारोह में दो पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर के साथ भारत के ध्वजवाहक होंगे। श्रीजेश, अमित रोहिदास, राजकुमार पाल, अभिषेक, सुखजीत सिंह और संजय समापन समारोह के बाद लौटेंगे।

कप्तान हरमनप्रीत सिंह और टीम का फूलों की मालाओं और ढोल ताशे के साथ इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर स्वागत किया गया।

कांस्य पदक के मैच में दोनों गोल करने वाले हरमनप्रीत ने मीडिया से कहा,‘‘ हमें पूरा सहयोग मिला और हमारी सारी जरूरतें पूरी की गई। हम धन्यवाद देना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा,‘‘ हॉकी के लिये यह बड़ी उपलब्धि है। इस प्यार से हमारी जिम्मेदारी बढ गई है। हम हर बार पदक जीतकर लौटने की कोशिश करेंगे।’’

हरमनप्रीत ने पेरिस ओलंपिक में सर्वाधिक 10 गोल दागे। उन्होंने कहा कि इस स्वागत से टीम अभिभूत है। उन्होंने कहा,‘‘ यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि भारतीय प्रशंसक हमारे स्वागत के लिये यहां आये। टीम ने ओलंपिक की तैयारी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी और यह देखकर खुशी हुई कि हमारी मेहनत रंग लाई और हमारी जीत का जश्न पूरा देश मना रहा है।’’

भारत ने पेरिस ओलंपिक में ग्रुप चरण में आस्ट्रेलिया को 3.2 से हराया और म्युनिख ओलंपिक 1972 के बाद ओलंपिक में आस्ट्रेलिया पर यह पहली जीत थी। इसके अलावा क्वार्टर फाइनल में श्रीजेश के शानदार प्रदर्शन से ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट में 4.2 से मात दी।

भारतीय उपकप्तान हार्दिक सिंह ने कहा,‘‘ खिलाड़ियों को एक दूसरे पर अटूट विश्वास था कि एक गलती करेगा तो दूसरा संभाल लेगा। इसी से हम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके।’ उन्होंने कहा,‘‘ ब्रिटेन के खिलाफ मैच में हमने बहुत अच्छा खेला। मिडफील्ड, डिफेंस, फॉरवर्ड सभी में कमाल का तालमेल था और कोई विफल रहता तो हमारे पास श्रीजेश थे जिन्होंने कई बार हमें संकट से निकाला है।’’

हरमनप्रीत ने कहा,‘‘ ये यादें हमारे साथ रहेंगी। कांस्य पदक ने साबित कर दिया कि भारतीय हॉकी सही राह पर है। अपना दिन होने पर हम किसी को भी हरा सकते हैं। हमें खुद पर भरोसे और भारतीय हॉकीप्रेमियों के साथ की जरूरत थी। मैं अनुरोध करूंगा कि यूं ही हॉकी से प्यार करते रहे और हमारा सहयोग करते रहे।’’

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