भारतीय पुरुष हॉकी टीम के उप-कप्तान सुरेंद्र कुमार ने बुधवार को कहा कि आगामी सुल्तान अजलान शाह कप युवाओं के लिए 2020 ओलंपिक के लिए क्वालीफाइंग टूर्नामेंट से पहले खुद को परखने का एक अच्छा मौका होगा। भारत 28वें सुल्तान अजलान शाह कप में हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद, सुमित, नीलकांत शर्मा, सुमित कुमार (जूनियर), गुरिंदर सिंह, सिमरनजीत सिंह और गुरजंत सिंह जैसे अन्य खिलाडियों के साथ एक युवा टीम के साथ टूर्नामेंट में उतरेगा जिन्होंने सीनियर टीम के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण के बाद जबरदस्त क्षमता दिखाई है।
सुरेंद्र ने कहा कि सुल्तान अजलान शाह कप हमेशा से युवाओं को परखने और देखने के लिए एक बेहतरीन मंच रहा है और इससे यह भी पता चलता है कि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुकूल खुद को कैसे ढालते हैं। उनका अनुभव इस साल खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट से काफी बढ़ेगा और आने वाले प्रमुख (2020 ओलंपिक खेलों के क्वालीफाइंग) में उन्हे काफी मदद मिलेगी।
पिछले प्रदर्शन के कारण है आत्मविश्वास से भरपूर
उन्होने बताया इनमें से कुछ खिलाड़ियों ने एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी और 2018 पुरुष विश्व कप में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और वे आत्मविश्वास से भरपूर हैं और हम उनसे लगातार दबाव को संभालने के बारे में बात कर रहे हैं। विशेष रूप से उन परिस्थितियों में जब हम एक गोल या दो गोल से पिछड़ रहे हो। उनका अच्छा प्रदर्शन टोक्यो में 2020 ओलंपिक खेलों में हमारी टीम के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।
मलेशिया की टीम भारतीय खेल प्राधिकरण के परिसर में पसीना निकाल देने वाली गर्मी में खेल रही है। सुरेंदर ने कहा कि इस टीम को लगा कि दोपहर में अभ्यास करने से उन्हें इपोह में मौसम के अनुकूल बनने में मदद मिलेगी, जब वहां भारत के मैच खेले जायेंगे तो तापमान लगभग 34-36 डिग्री हो जाएगा। उप-कप्तान ने कहा कि इपोह में समान परिस्थितियों ही होंगी लेकिन नमी अधीक होगी।
स्वर्ण जीतना है लक्ष्य
23 मार्च से शुरू होने वाले टूर्नामेंट में भारत की संभावनाओं के बारे में बोलते हुए उन्होने कहा कि मलेशिया, जापान, कोरिया, कनाडा, पोलैंड जैसी टीमो के साथ मैदान में कड़ा मुकाबला रहेगा लेकिन हमारा लक्ष्य स्वर्ण जीतना है।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य तो स्वर्ण जीतना है लेकिन हम टूर्नामेंट में इस सोच के साथ नही जायेंगे। हम कदम दर कदम आगे बढ़ेंगे और हमारा पहला मैच जापान और फिर कोरिया के साथ होगा, और उनके सामने अच्छी शुरुआत करना जरूरी है।
रूपिंदर पाल को दिया कामयाबी को श्रेय
हरियाणा में जन्मे सुरेंदर ने 2016 में उस समय राष्ट्रीय परिदृश्य में प्रवेश किया जब उन्होंने हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) में शानदार प्रदर्शन के बाद सीनियर पुरुष वर्ग में जगह बना ली थी और तब से सुरेंदर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। बैकलाइन में अपने निरंतर प्रदर्शन के साथ, उन्होंने अपने लिए एक अलग पहचान बनाई है। वह टीम में अपनी बढ़त का श्रेय हमवतन रूपिंदर पाल सिंह को देते हैं। उन्होने कहा कि रूपिंदर पाल ने हॉकी इंडिया लीग में हमारे दिनों के दौरान मुझे बहुत निर्देशित किया और हमेशा मुझे कहा कि अगर मैं एचआईएल में अच्छा खेलता हूं तो मुझे राष्ट्रीय शिविर में मौका मिलेगा। उन्होने कहा कि जब मैं 2016 में सुल्तान अजलान शाह कप से पहले शिविर में आया था तब भी उन्होंने दबाव को संभालने के मामले में मुझे बहुत मार्गदर्शित किया और बताया कि गलतियों के बावजूद हम मैचों के दौरान कैसे आगे बढ़ सकते हैं।
24 वर्षीय सुरेन्द्र ने कहा कि भारतीय टीम इस विश्वास के साथ खेलती है कि हमारा डिफेंस ठोस हो और ठोस डिफेंस ही हमे यह टूर्नामेंट जीता सकता है। यह विश्वास स्वतः ही जिम्मेदारी का एहसास दिलाता है।"