भारतीय क्रिकेट टीम, जो वनडे क्रिकेट में निरंतरता और गुणवत्ता के लिए जानी जाती है, पिछले 12 वर्षों से इस फॉर्मेट में कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत सकी है। आगामी चैंपियंस ट्रॉफी से पहले, इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की यह वनडे सीरीज भारत के लिए महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि यह टीम जीत की लय हासिल करना चाहेगी। हालांकि, उनके सामने इंग्लैंड जैसी खतरनाक और आक्रामक टीम खड़ी है, जिसे एक ऐसे कोच का मार्गदर्शन प्राप्त है जिसने आधुनिक क्रिकेट को आक्रामक शैली में बदल दिया है।
टी20 सीरीज में भारत की शानदार जीत भारत ने हाल ही में इंग्लैंड को पांच मैचों की टी20 सीरीज में 4-1 से हराया था, जिसमें वानखेड़े स्टेडियम में 150 रनों की विशाल जीत ने टीम के दबदबे को साबित किया। हालांकि, अब वनडे फॉर्मेट में एक नई शुरुआत होगी, जहां नागपुर में पहला मुकाबला खेला जाएगा।
रोहित और कोहली की फॉर्म पर नजर भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ा सवाल कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली की फॉर्म होगी। टी20 से संन्यास लेने के बाद और हाल ही में टेस्ट क्रिकेट में संघर्ष करने के कारण, इन दोनों अनुभवी बल्लेबाजों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हार और रणजी ट्रॉफी में असफलता ने इनकी फॉर्म को सवालों के घेरे में ला दिया है।
हालांकि, वनडे फॉर्मेट में रोहित और कोहली हमेशा प्रभावी रहे हैं। 2023 वर्ल्ड कप में इन दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया था और इसी तरह का खेल दोहराने की उम्मीद होगी। अगर वे चैंपियंस ट्रॉफी में भी फॉर्म में नहीं लौटते, तो भारतीय टीम प्रबंधन को भविष्य के विकल्पों पर विचार करना पड़ सकता है।
भारतीय बल्लेबाजी क्रम में मजबूती शुभमन गिल, जो एशियाई पिचों पर शानदार खेलते हैं, अब टीम की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं। नंबर चार पर श्रेयस अय्यर सबसे खतरनाक बल्लेबाज हैं, जो मध्यक्रम में रन गति बनाए रखने के साथ-साथ आक्रामक शॉट खेलने की क्षमता रखते हैं।
मध्यक्रम में केएल राहुल, ऋषभ पंत और हार्दिक पांड्या में से दो खिलाड़ियों को मौका मिलेगा। हार्दिक का ऑलराउंड प्रदर्शन उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह दिला सकता है, जिससे पंत और राहुल के बीच विकेटकीपर के स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा होगी। चूंकि भारतीय बल्लेबाजी क्रम में अधिकतर दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, ऐसे में बाएं हाथ के बल्लेबाज पंत को प्राथमिकता मिल सकती है।
गेंदबाजी में बदलाव, स्पिनर्स पर भरोसा इस सीरीज में भारत ने प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को आराम दिया है, जबकि मोहम्मद सिराज टीम से बाहर हैं। हालांकि, मोहम्मद शमी की वापसी और अर्शदीप सिंह की टी20 सीरीज में शानदार गेंदबाजी भारतीय टीम को मजबूती देगी।
स्पिन विभाग में भारत के पास कई विकल्प हैं। अक्षर पटेल, जिन्हें रोहित और मुख्य कोच गौतम गंभीर का भरोसा प्राप्त है, ऑलराउंडर के रूप में खेल सकते हैं। कुलदीप यादव, जो चोट के बाद वापसी कर रहे हैं, अपनी कलाई की स्पिन से विविधता जोड़ेंगे। वहीं, वरुण चक्रवर्ती, जो टी20 सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ लगभग अजेय साबित हुए थे, भी टीम में शामिल किए गए हैं।
यह संयोजन बल्लेबाजी को थोड़ा कमजोर कर सकता है, क्योंकि कुलदीप यादव नंबर 8 पर खेलेंगे, लेकिन गंभीर को अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम संयोजन तय करने के लिए ज्यादा मौके नहीं मिलेंगे।
इंग्लैंड की चुनौतियां इंग्लैंड की टीम इस समय बदलाव के दौर से गुजर रही है और टी20 सीरीज में कमजोर प्रदर्शन के बाद उनसे अधिक उम्मीद की जाएगी। खासतौर पर भारतीय स्पिनरों के खिलाफ उनकी कमजोरी चिंता का विषय है। हालांकि, जो रूट की मौजूदगी से यह समस्या कुछ हद तक हल हो सकती है।
कप्तान जोस बटलर के नेतृत्व में इंग्लैंड को भारत की परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। जोफ्रा आर्चर की महंगे स्पेल और लियाम लिविंगस्टोन की स्पिन गेंदबाजी इंग्लैंड के लिए चिंता का विषय रही है। अगर वे इन कमजोरियों को दूर नहीं कर सके, तो वनडे सीरीज में भी उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
नागपुर में भारत का पलड़ा भारी भारत इस मुकाबले में मजबूत दावेदार के रूप में शुरुआत करेगा, लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी से पहले यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दोनों टीमें अपनी कमजोरियों को कैसे दूर करती हैं। यह सीरीज भारतीय टीम के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने का मौका होगी, जबकि इंग्लैंड के पास अपनी लय पाने का अंतिम मौका होगा।