श्रृंखला के बीच में संन्यास लेने की घोषणा करने वाले रविचंद्रन अश्विन से पहले पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले और महेंद्र सिंह धोनी भी ऐसा कर चुके हैं।
धोनी ने 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे में श्रृंखला के बीच में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था जबकि कुंबले ने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के बीच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।
इस तरह से अश्विन और धोनी ने अपना आखिरी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया में खेला जबकि कुंबले ने उंगली की चोट के कारण 2008 में नयी दिल्ली में खेले गए मैच के बाद संन्यास लेने की घोषणा की थी।
धोनी ने दिसंबर 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान चार टेस्ट मैच की श्रृंखला के बीच में तब संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी जबकि भारत 0–2 से पीछे चल रहा था।
उनका फैसला चौंकाने वाला था क्योंकि इससे पहले उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का कोई संकेत नहीं दिया था।
अश्विन का फैसला भी चौंकाने वाला रहा, वह भी तब जबकि टीम उन पर काफी निर्भर है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैच की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी श्रृंखला अभी 1–1 से बराबरी पर है।
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने अश्विन की श्रृंखला के बीच में संन्यास लेने के लिए आलोचना की।
गावस्कर ने श्रृंखला के आधिकारिक प्रसारक से कहा,‘‘ वह कह सकता था कि देखिए श्रृंखला समाप्त होने के बाद मैं भारतीय टीम में चयन के लिए उपलब्ध नहीं रहूंगा। इसका क्या मतलब है। महेंद्र सिंह धोनी ने भी इसी तरह से 2014–15 की श्रृंखला के दौरान तीसरे टेस्ट मैच के बाद संन्यास ले लिया था। इससे टीम में एक सदस्य कम हो जाता है।’’
उन्होंने कहा,‘‘चयन समिति ने किसी उद्देश्य से ही इस दौरे के लिए इतने अधिक खिलाड़ियों का चयन किया है। अगर कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है तो वह टीम में शामिल रिजर्व खिलाड़ियों में से किसी का चयन कर सकते हैं।’’
कुंबले ने 2008 में तीसरे टेस्ट मैच के बाद संन्यास लेने की घोषणा की थी तो तब भारत चार मैच की श्रृंखला में 1–0 से आगे था। भारत ने आखिर में यह श्रृंखला 2–0 से जीती थी।