मोदी ने ट्विटर पर लिखा, विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक बड़ी उपलब्धि है। साइना को बधाई। उनकी उपलब्धियां प्रेरित करती हैं। दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी साइना रविवार को फाइनल में स्पेन की कैरोलिन मारिन से हार गईं लेकिन उनका रजत पदक विश्व चैम्पियनशिप में किसी भारतीय का अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
विश्व चैम्पियनशिप में यह भारत का पांचवां पदक है। इससे पहले पी.वी. सिंधू दो बार कांस्य (2013 और 2014) जीत चुकी हैं जबकि ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा ने महिला युगल में 2011 में कांसा हासिल किया था। प्रकाश पादुकोण विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं जिन्होंने 1983 में कांस्य पदक जीता था।
साइना की साथी बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने भी 25 वर्षीय शटलर को बधाई दी है। गुट्टा ने ट्विटर पर लिखा, भाग्य ने साथ नहीं दिया। लेकिन पहला रजत भारतीय बैडमिंटन के लिए गौरवशाली क्षण है। कुंबले ने कहा, बहुत अच्छा खेली। वास्तव में आप पर गर्व है। अच्छा मुकाबला किया। आज भाग्य साथ नहीं था। दिन में अच्छा खेलने वाली खिलाड़ी से हारी। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने ट्वीट किया, हमें आप पर गर्व है क्योंकि आप विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक हासिल करने वाली हमारी पहली खिलाड़ी बनी हैं। हमें आप पर नाज है।
उधर साइना के पिता हरवीर सिंह ने कहा कि पहली बार विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में खेलने के दबाव के कारण यह भारतीय स्टार जकार्ता में समाप्त हुए इस टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में स्पेन की कोरोलिन मारिन से हार गई। हरवीर ने हैदराबाद में पत्रकारों से कहा, मुझे लगता है कि यह मनोवैज्ञानिक पहलू था। वह यह सोचकर कि उसे हर हाल में जीत दर्ज करनी है, शायद अपनी एकाग्रता खो बैठी। गौरतलब है कि विश्व में दूसरे नंबर की साइना फाइनल में मौजूदा चैम्पियन मारिन से 16-21, 19-21 से हार गयी और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।