25 वर्षीय ऑस्ट्रियाई खिलाड़ी डोमिनिक थिएम ने स्विट्जरलैंड के दिग्गज व पूर्व विश्व नंबर एक रोजर फेडरर को हराते हुए इंडियन वेल्स 2019 का खिताब अपने नाम किया। दो घंटे दो मिनट चले इस मुकाबले को थिएम ने 3-6, 6-3 7-5 से अपने नाम करते हुए पहला मास्टर्स खिताब जीता और यह उनके करियर का 12वां खिताब है। विश्व नंबर 8 थिएम पहली बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचे थे।
थिएम पहले भी फेडरर पर रहे हैं भारी
फेडरर इस टूर्नामेंट में नौवीं बार फाइनल में पहुंचे थे। वे पांच बार इंडियन वेल्स का खिताब जीत चुके हैं। आखिरी बार वे 2017 में चैम्पियन बने थे। तब फाइनल में उन्होंने हमवतन स्टान वावरिंका को 6–4, 7–5 से हराया था। फेडरर और थिएम के बीच यह पांचवीं भिड़ंत थी। इसमें थिएम तीन और फेडरर दो बार जीत हासिल करने में सफल रहे हैं। थिएम ने इससे पहले आखिरी बार फेडरर को 2016 में स्टुटगार्ट के सेमीफाइनल में 3-6, 7-6, 6-4 से हराया था।
सेमीफाइनल में फेडरर को मिला था वॉक ओवर
थिएम ने सेमीफाइनल में कनाडा के वर्ल्ड नंबर-14 खिलाड़ी मिलोस राओनिक को 7-6, 6-7, 6-4 से हराया था। दूसरे सेमीफाइनल में राफेल नडाल घुटने की चोट के कारण खेलने ही नहीं उतरे। इस कारण फेडरर को वॉक ओवर मिला। फाइनल में फेडरर ने तीन और थिएम ने एक ऐस लगाए। थिएम ने 3 जबकि फेडरर ने 2 डबल फाल्ट किए। हालांकि, थिएम ने 3 बार ब्रेक पॉइंट हासिल किए, जबकि फेडरर दो बार ही ऐसा कर पाए।
फेडरर के खिलाफ जीतना होता है विशेष
ट्रॉफी मिलने के बाद थिएम ने फेडरर के लिए कहा कि मुझे लगता है कि आपको बधाई देने का मेरा अधिकार नहीं है क्योंकि आपके पास मेरे मुकाबले 88 से अधिक खिताब हैं। उन्होने बताया कि 37 वर्षीय सुपरस्टार के खिलाफ खेलना हमेशा ही विशेष होता है। उन्होने बताया रोजर, राफा (नडाल), नोवाक (जोकोविच) के खिलाफ मुश्किल होता है क्योंकि आपको न केवल खिलाड़ी बल्कि उनके साथ-साथ एक बड़े नाम को भी हराना होता है। इसलिए आपको उन्हें हराने के लिए किसी तरह दोगुना अच्छा खेलना पड़ता है।
हारने के बाद फेडरर ने कहा कि मेरे पास भी अच्छे मौके थे, मैं मैच में बना हुआ था थायद ये ही कारण है कि इस हार से मैं बहुत निराश नहीं हूं। मुझे लगता है कि थिएम ने शानदार खेल दिखाते हुए कुछ अच्छे अंक बनाए और ऐसे समय बनाए जहां वे बेहद महत्वपूर्ण थे। आज के दिन वो मुझसे बेहतर खेले।
18 साल की बियांका ने जीता महिला एकल
कनाडा की सनसनी बियांका एंड्रीस्कु रविवार को इंडियन वेल्स में डब्ल्यूटीए का खिताब जीतने वाली पहली वाइल्ड कार्ड खिलाड़ी बनीं, जिन्होंने विंबलडन चैंपियन एंजेलिक कर्बर पर 6-4, 3-6, 6-4 से जीत दर्ज की। महज 18 साल के एंड्रीस्क्यू ने आठवें नंबर की जर्मन को पछाड़ते हुए ये खिताब अपने नाम किया, जिन्होने पिछले साल विम्बलडन फाइनल में सेरेना विलियम्स को हराकर अपना तीसरा ग्रैंड स्लैम जीता था लेकिन वे उसके बाद से कोई खिताब नहीं जीता पाई हैं। टूर्नामेंट में 60वीं रैंकिंग के साथ प्रवेश करने वाली एंड्रीस्क्यू अपने पहले डब्ल्यूटीए खिताब के साथ अब दुनिया में 24वें स्थान पर पहुंच गई हैं।