राष्ट्रीय रिकार्डधारक और एशियाई चैंपियन लुका ने रेलवे की तरफ से भाग लेते हुए दो मिनट 1.84 सेकेंड का समय निकालकर अपना खिताब बचाए रखा और ज्योतिर्मय सिकदर के दो मिनट 2.28 सेकेंड के 18 साल पुराने रिकार्ड को तोड़ा।
तमिलनाडु की गोमती मारिमुतु ने दो मिनट 6.45 सेकेंड के साथ रजत जबकि पश्चिम बंगाल की क्षिप्रा सरकार ने दो मिनट 6.95 सेकेंड के साथ कांस्य पदक जीता।
आज कोई भी एथलीट ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाया। कल सुधा सिंह ने महिलाओं की 3000 मीटर दौड़ में रियो खेलों के लिए जगह सुरक्षित की थी। आज कोई राष्ट्रीय रिकार्ड भी नहीं बना जबकि पहले दो दिन दो-दो राष्टीय रिकार्ड बने थे।
महिलाओं की त्रिकूद में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। राष्ट्रीय रिकार्डधारक मयूखा जानी अपने पहले प्रयास में चोटिल हो गई। रियो के लिए क्वालीफाई करने की कोशिश में लगी मयूखा का टखना मुड़ गया क्योंकि वह अपना संतुलन खो बैठी थी। उन्हें मजबूर होकर स्पर्धा से हटना पड़ा। मयूखा को चिकित्सकीय जांच के लिए ले जाया गया। कोच बेडरोस बेडरोसियान ने पुष्टि की कि उनके पांव में फ्रैक्चर नहीं है। उन्होंने कहा, फ्रैक्चर नहीं है लेकिन हम चिकित्सकों की राय का इंतजार कर रहे हैं।
इस बीच ओडिशा की फर्राटा धाविका सर्बाणी नंदा (23.39 सेकेंड) ने महिलाओं की 200 मीटर दौड़ में अपने ही राज्य की दुती चंद (23.41 सेकेंड) को पीछे छोड़ा। दोनों ही हालांकि ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाईं और उन्हें अब अगले मौके का इंतजार करना होगा। दुती ने महिलाओं की 100 मीटर दौड़ में 11.33 सेकेंड के साथ राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया था लेकिन वह रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थी। सर्बाणी कल दूसरे स्थान पर रही थी।
पुरुषों की त्रिकूद में रंजीत माहेश्वरी ने 16.47 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता। सेना के अरिवु सेलवम दूसरे और राष्ट्रीय रिकार्डधारक अरपिंदर सिंह तीसरे स्थान पर रहे। अरपिंदर ने 2013 से 2015 तक लगातार तीन बार फेडरेशन कप में स्वर्ण पदक जीता था।