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शहनशाह और बादशाह एक ही छत के नीचे: शाहरुख़ ख़ान बने कैंडेरे के ब्रांड एंबेसडर, अटकलों पर लगा विराम

सोशल मीडिया पर कई दिनों तक चली अटकलों और चकाचौंध भरी चर्चा के बाद अब यह आधिकारिक है: शाहरुख़ ख़ान को...
शहनशाह और बादशाह एक ही छत के नीचे: शाहरुख़ ख़ान बने कैंडेरे के ब्रांड एंबेसडर, अटकलों पर लगा विराम

सोशल मीडिया पर कई दिनों तक चली अटकलों और चकाचौंध भरी चर्चा के बाद अब यह आधिकारिक है: शाहरुख़ ख़ान को कैंडेरे का ब्रांड एंबेसडर घोषित कर दिया गया है। कैंडेरे, जो कि कल्याण ज्वेलर्स की एक लाइफस्टाइल ज्वेलरी ब्रांड है, ने इस खबर के साथ न केवल चर्चाओं पर विराम लगाया है बल्कि भारतीय ज्वेलरी उद्योग और ब्रांड स्टोरीटेलिंग में एक नया अध्याय भी जोड़ दिया है।

शुरुआत हुई एक टीज़र कैंपेन से, जिसमें शाहरुख़ ख़ान को बोल्ड और चमकदार गहनों में दिखाया गया था। फैंस ने हर फ्रेम को बारीकी से देखा और यह मान लिया कि शायद यह उनका खुद का ब्रांड है या कोई नया बिज़नेस वेंचर। ख़ान की व्यवसायिक सोच को देखते हुए यह कल्पना कोई अतिशयोक्ति नहीं थी।

लेकिन जल्द ही स्पष्ट कर दिया गया कि शाहरुख़ ख़ान सिर्फ़ ब्रांड के चेहरा हैं, उनके पास किसी भी प्रकार की हिस्सेदारी नहीं है। यह साझेदारी पूरी तरह से प्रमोशनल है, लेकिन इसका सांस्कृतिक और व्यावसायिक महत्व बहुत बड़ा है।

इस फैसले के साथ, कल्याण ज्वेलर्स ने भारतीय सिनेमा के दो सबसे बड़े सितारों को एक छत के नीचे ला दिया है: अमिताभ बच्चन, जो लंबे समय से कल्याण ज्वेलर्स के प्रतीक हैं, और अब शाहरुख़ ख़ान, जो कैंडेरे के युवा और आधुनिक रूप का प्रतिनिधित्व करेंगे। बच्चन जहाँ ब्रांड की विरासत, विश्वास और परंपरा का प्रतीक हैं, वहीं ख़ान नई पीढ़ी के लिए डिज़ाइन-केंद्रित, स्टाइलिश और समकालीन दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

कैंडेरे एक ओम्नी-चैनल ब्रांड है, जिसके 75 से अधिक रिटेल आउटलेट हैं, और यह अपने आधुनिक, लाइफस्टाइल-आधारित गहनों के लिए जाना जाता है — ऐसे गहने जो अभिव्यक्तिपूर्ण, बोल्ड और रोज़मर्रा की भव्यता के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ख़ान के साथ शुरू हुआ यह नया कैंपेन ब्रांड को परंपरा और ट्रेंड के संगम पर ले आता है, जहाँ सिनेमाई शान और मिलेनियल्स व जनरेशन Z की पसंद का मेल है।

मार्केटिंग के लिहाज से, यह दो-सेलिब्रिटी रणनीति एक सोची-समझी कोशिश है जो पीढ़ियों के बीच सेतु बनाने का काम करती है, बिना ब्रांड की पहचान को कमज़ोर किए। यह केवल स्टार पावर नहीं है — यह रणनीतिक कहानी है, जो पीढ़ियों को जोड़ती है और भारत के गहनों से जुड़ाव के बदलते रूप को दर्शाती है।

शहनशाह और बादशाह को एक ही छत के नीचे लाकर, हाउस ऑफ कल्याण ने एक ऐसा गहनों का साम्राज्य रचा है जो परंपरा को सम्मान देता है और परिवर्तन को अपनाता है — एक ऐसा उत्तराधिकार जो अतीत से प्रेरित है लेकिन भविष्य से आकार लेता है।

संदे शस्पष्ट है — समय हीन परंपरा से लेकर आधुनिक शैली तक, अब यह ताज पीढ़ियों को एक जुट करता है एक चमकदार विरासत के तहत।

  

अस्वीकरण: यह एक प्रायोजित लेख है। जानकारी की सटीकता, विश्वसनीयता, समयबद्धता और प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव उपाय किए गए हैं; हालाँकि OutlookHindi.com इसके लिए कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता है। लेख में दी गई किसी भी जानकारी का उपयोग पूरी तरह से दर्शकों के विवेक पर है।

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