Advertisement

गुजरात में शाला प्रवेशोत्सव की 21वीं श्रृंखला 26 से 28 जून तक होगी आयोजित

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने इस वर्ष आयोजित होने वाले 21वें शाला प्रवेशोत्सव के दौरान...
गुजरात में शाला प्रवेशोत्सव की 21वीं श्रृंखला 26 से 28 जून तक होगी आयोजित

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने इस वर्ष आयोजित होने वाले 21वें शाला प्रवेशोत्सव के दौरान आँकड़ों पर आधारित उपलब्धियों की तुलना में बच्चे के भविष्य के लिए अच्छे से अच्छा क्या हो सकता है, इस पर विशेष ध्यान देने का संकल्प व्यक्त किया है।

श्री पटेल आगामी 26 से 28 जून के दौरान आयोजित होने वाले शाला प्रवेशोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार को आयोजित बैठक में बोल रहे थे। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री ने की।

इस संदर्भ में; मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल में विकसित भारत की नींव अधिक सुदृढ़ होने वाली है। श्री पटेल ने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात की हमारी प्रतिबद्धता को साकार करने के लिए शिक्षा ही सर्वांगीण विकास की नींव में सबसे पहले है।

उन्होंने कहा, “इस प्रवेशोत्सव के दौरान अब हमें स्कूलों में विशेष क्या करना चाहिए; इस पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ-साथ ग्रामीण स्तर से शहरी क्षेत्र तक एक समान, स्मार्ट व गुणवत्तायुक्त शिक्षा हो; इस पर भी फोकस करना है।”

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा पिछले दो दशकों से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की कन्या शिक्षा संकल्पना को साकार करने के लिए शाला प्रवेशोत्सव व कन्या केळवणी (शिक्षा) महोत्सव आयोजित किया जाता है।

इस महोत्सव की 21वीं कड़ी आगामी 26 से 28 जून के दौरान ‘उत्सव उल्लासमय शिक्षा का’ (उजवणी उल्लासमय शिक्षणनी) थीम पर आयोजित होने जा रही है।

21वें शाला प्रवेशोत्सव में सहभागी होने वाले राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य मंत्रियों, पदाधिकारियों तथा उच्चाधिकारियों को मार्गदर्शन देने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में सोमवार को गांधीनगर में बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य सचिव श्री राज कुमार और वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अधिकारी तथा क्लास-1 अधिकारी उपस्थित रहे।

श्री भूपेंद्र पटेल ने बैठक में प्रेरणादायी मार्गदर्शन देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में बेटियों के प्रति विद्यमान सामाजिक, पारिवारिक व रुढ़िवादी विचारों का निर्मूलन कर सामूहिक प्रयासों से कन्या शिक्षा को वेग दिया है। उनके निष्ठावान सफल प्रयासों के फलस्वरूप आठवीं कक्षा के बाद भी बेटियाँ पढ़ने लगी हैं। इतना ही नहीं; गुजरात में ड्रॉपआउट रेशियो में भी भारी कमी लाई जा सकी है।

मुख्यमंत्री ने जोड़ा कि हमने अधिक से अधिक बेटियों को उच्चाभ्यास में शामिल होने के प्रति प्रोत्साहन देने के लिए ‘नमो लक्ष्मी’ तथा विज्ञान विषय (साइंस स्ट्रीम) में अधिक विद्यार्थी आएँ; इसके लिए ‘नमो सरस्वती’ योजना शुरू की है। इन योजनाओं का अधिकतम् लाभ सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाली छात्रों तक पहुँचाने के लिए यह जरूरी है कि प्रवेशोत्सव में जाने वाले सभी अधिकारी-कर्मचारी ग्रामीण, तहसील व जिला स्तर पर अभिभावकों को इन योजनाओं की विस्तृत जानकारी दें।

श्री पटेल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन करने वाले अग्रिम राज्यों में गुजरात एक है और 2047 में विकसित भारत का रोडमैप शिक्षा के सर्वग्राही विकास से तैयार करने का आयोजन किया गया है।

उन्होंने प्रवेशोत्सव में जाने वाले सभी अधिकारियों-कर्मचारियों से अनुरोध किया कि वे जिस स्कूल में जाएँ, वहाँ की मूलभूत जरूरतों में कमियाँ हों; तो उनका भी फीडबैक दें। ऐसी कमियाँ तुरंत पूरा करने के प्रयास शिक्षा विभाग से सम्बद्ध विभागों के साथ समन्वय करते हुए किया जाए।

उन्होंने जोड़ा कि शाला प्रवेशोत्सव का यह शिक्षा सेवा यज्ञ अधिक जन भागीदारी से उत्तरोत्तर सफलता प्राप्त करे; ऐसा दायित्व हम सभी साथ मिल कर निभाएँ।

शिक्षा मंत्री श्री कुबेरभाई डिंडोर ने स्वागत संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से शुरू हुआ शाला प्रवेशोत्सव तथा कन्या शिक्षा महोत्सव आज 21वें वर्ष में प्रविष्ट हुआ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के हिस्से के रूप में राज्य सरकार ने गत वर्ष बालवाटिकाएँ शुरू की हैं। इस प्रवेशोत्सव के दौरान बालवाटिकाओं में समग्र राज्य के 11.70 लाख से अधिक बच्चे प्रवेश लेंगे। इसके अतिरिक्त; 3.60 लाख से अधिक बच्चे इस वर्ष सीधे पहली कक्षा में प्रवेश लेंगे।

श्री डिंडोर ने जोड़ा कि इस बार शिक्षा विभाग ने स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय करके बच्चे के जन्म तथा टीकाकरण का विवरण प्राप्त किया और टेक्नोलॉजी का उपयोग कर प्रत्येक प्रवेश योग्य बच्चे की पहचान की है। प्रवेशोत्सव से पहले ही प्रवेश प्राप्त करने योग्य बच्चों के नाम की सूची सम्बद्ध स्कूलों में उपलब्ध कराई गई है। इस सूची के अनुसार सभी बच्चों को इस बार प्रवेश दिया जाएगा। चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से प्रवेश के बाद भी ‘विद्या समीक्षा केन्द्र’ द्वारा लगातार निगरानी करते हुए इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि ये बच्चे शिक्षा पूर्ण करें।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्राथमिक विद्यालयों की भौतिक सुविधाओं की कायापलट हुई है। विश्व बैंक की सहायता से मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के अंतर्गत लगभग 15,000 प्राथमिक, लगभग 5,000 माध्यमिक विद्यालयों में 50,000 स्कूली कमरों, लगभग एक लाख स्मार्ट क्लासरूम तथा लगभग 2,500 कम्प्यूटर लैब-स्टेम लैब जैसी सुविधाएँ शीघ्र ही कार्यान्वित होंगी।

बैठक में मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल तथा मंत्रिमंडल के सदस्यों ने शाला प्रवेशोत्सव के दौरान बच्चों को दी जाने वाली शैक्षणिक किट से संबंधित ‘लर्निंग कॉर्नर’ को भी देखा और विभिन्न साहित्य-सामग्री की जानकारी प्राप्त की।

आरंभ में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा सचिव डॉ. विनोद राव ने शाला प्रवेशोत्सव 2024 के आयोजन तथा शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई नई ‘नमो लक्ष्मी’ व ‘नमो सरस्वती साधना’ योजनाओं तथा हाल में कार्यान्वित विभिन्न शैक्षणिक योजनाओं पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया।

डॉ. राव ने जोड़ा कि राज्य स्तर पर कार्यरत विद्या समीक्षा केन्द्र की तर्ज पर विद्यार्थियों के डेटा एनालिसिस एवं ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए शाला प्रवेशोत्सव के दौरान ही जिला स्तर पर 33 एवं तहसील स्तर पर 254 विद्या समीक्षा केन्द्र-डैशबोर्ड कार्यरत किए जाएंगे।

इस समग्र बैठक-कार्यक्रम का बाइसैग (बीआईएसएजी) के माध्यम से समग्र राज्य में सीधा प्रसारण किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में अधिकारी-शिक्षकगण शामिल हुए।

इस अवसर पर गुजरात में शिक्षा विभाग की उपलब्धियाँ प्रस्तुत करने वाली एक लघु फिल्म भी दर्शाई गई। अंत में प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. एम. आई जोशी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad