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महाराष्ट्र: सड़क दुर्घटना में मारे गए दंपति के परिजनों को 1.15 करोड़ रुपये मुआवजा दिए जाने का आदेश

ठाणे में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) ने 2019 में सड़क दुर्घटना में मारे गए एक दंपति के परिवार को 1.15...
महाराष्ट्र: सड़क दुर्घटना में मारे गए दंपति के परिजनों को 1.15 करोड़ रुपये मुआवजा दिए जाने का आदेश

ठाणे में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) ने 2019 में सड़क दुर्घटना में मारे गए एक दंपति के परिवार को 1.15 करोड़ रुपये का मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया है।

अधिकरण ने आदेश दिया कि दंपति की 16 वर्षीय बेटी को 75.29 लाख रुपये तथा मृतक व्यक्ति के माता-पिता को 20-20 लाख रुपये दिये जाएं।

ठाणे में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) ने 2019 में सड़क दुर्घटना में मारे गए एक दंपति के परिवार को 1.15 करोड़ रुपये का मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया है। अधिकरण ने आदेश दिया कि दंपति की 16 वर्षीय बेटी को 75.29 लाख रुपये तथा मृतक व्यक्ति के माता-पिता को 20-20 लाख रुपये दिये जाएं।

एमएसीटी सदस्य आर वी मोहिते ने मंगलवार को पारित आदेश में कहा कि यह दुर्घटना लापरवाही से ट्रक चलाने के कारण हुई।

दावेदारों के वकील एस जे तिवारी ने अधिकरण को बताया कि यह दुर्घटना दो फरवरी, 2019 को मुंबई के विक्रोली इलाके में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर फिरोज शाह मेहता ब्रिज के पास हुई थी। उन्होंने अधिकरण को बताया कि महाराष्ट्र के ठाणे शहर निवासी इंजीनियर अक्षय प्रमोद गुप्ता (34), उनकी पत्नी आरती अक्षय गुप्ता (32) और बेटी, धीमी और मध्यम गति से स्कूटर पर जा रहे थे।

वकील ने बताया कि अत्यधिक तेज, अनियंत्रित गति और लापरवाहीपूर्ण तरीके से चलाए जा रहे एक ट्रक ने स्कूटर को पीछे से टक्कर मारी।

टक्कर लगने से पति-पत्नी स्कूटर से गिर गए और ट्रक का पहिया उनके ऊपर से गुजर गया। दंपति की मौके पर ही मौत हो गई। दावेदारों ने एमएसीटी को बताया कि वह व्यक्ति 65,000 रुपये प्रति माह कमाता था।

ट्रक चालक दंपति को बिना कोई चिकित्सीय सहायता दिलवाए मौके से भाग गया। इसके बाद मुंबई की विक्रोली पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपपत्र दाखिल किया।

प्रतिवादी ट्रक मालिक अधिकरण के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ और मामले में एकपक्षीय तरीके से उसके विरुद्ध फैसला सुना दिया गया। हालांकि, ट्रक के बीमाकर्ता ने विभिन्न आधारों पर दावे का विरोध किया।

अधिकरण ने ट्रक चालक की लापरवाही साबित करने के लिए पुलिस दस्तावेजों, जांच अधिकारी की रिपोर्ट पर भरोसा किया, जिसमें सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान शामिल थे। अधिकरण ने दो अलग-अलग दावों पर 1,15,29,584 रुपये का मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया।

अधिकरण ने आदेश दिया कि दंपति की नाबालिग बेटी को 75,29,484 रुपये तथा मृतक के पिता और माता को 20-20 लाख रुपये दिये जाएं।

 

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